- सहरसा के विधायक आइपी गुप्ता ने कोविड वार्ड में मरीजों को निजी अस्पतालों में बेचे जाने पर कड़ा विरोध जताया.
- विधायक ने कहा कि मरीजों को जबरन निजी अस्पताल भेजने वाले चालकों और कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.
- गुप्ता ने मरीजों के साथ धोखाधड़ी रोकने के लिए शिकायत मिलने पर सभी जिम्मेदारों की जांच कराने की बात कही.
'मरीजों को बेचना छोड़िए. मैं पागल आदमी हूं, सायनाइड खाकर पैदा हुआ हूं. किसी को छोड़ूंगा नहीं...' इंडियन इंक्लूसिव पार्टी (आइआइपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सहरसा के विधायक आइपी गुप्ता ने सदर अस्पताल के कोविड वार्ड में एंबुलेंस चालकों के साथ हुई बैठक में यह बातें कही. विधायक का यह बयान सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है.
आइपी गुप्ता ने कहा कि सहरसा से आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, डीएमसीएच या किसी अन्य हाइयर सेंटर रेफर किए जाने के बाद कई बार वे मरीज एंबुलेंस चालकों या फिर साथ जाने वाले कर्मियों के बहकावे में आकर किसी लोकल निजी अस्पताल में पहुंच जाते हैं. इस तरह मरीजों को बेचना बंद कीजिए, क्योंकि मैं पागल आदमी हूं. सायनाइड खाकर पैदा हुआ हूं. किसी को छोड़ूंगा नही.
एक भी शिकायत मिली तो खैर नहीं!
विधायक ने कहा कि कोई अपनी बेटी की शादी के लिए 40 हजार रुपये जमा कर रखता है. बीमार होने पर वह रकम भी डॉक्टरों को दे देनी पड़ती है. किसी को आधा कट्ठा जमीन है, वह भी बेच देना पड़ता है. यदि आज के बाद यह हुआ ओर पेशेंट कह दिया और पुर्जे में लिखा हुआ है कि वह रेफर हुआ है. आइजीआइएमएस के बदले वह राधिका अस्पताल पहुंचा दिया जाता है तो टीम में साथ जाने वाले चारों कर्मियों पर जांच बैठाउंगा. चारों को अंदर भेजवा दूंगा. दुनियां को कोई ताकत बचाने वाला पैदा नहीं होगा. मेरे पास एक भी क्लेम आ गया तो मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा. रेफर करने वाले अस्पताल के डॉक्टर, साथ जाने वाले चार कर्मी और एजेंसी को छोड़ूंगा नहीं. शिकायत आते ही जांच बैठाउंगा. पेशेंट बेचने की परंपरा को भूल जाओ. बदले में आपकी जो लड़ाई है, वह मैं लड़ूूगा. विधानसभा में बवाल काट दूंगा.
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