पुणे पोर्श कार हादसा इन दिनों देशभर की सुर्खियों में छाया हुआ है. अब मुंबई के कल्याण से एक और नाबालिग का कार से स्टंट करने का वीडियो सामने आया है. दरअसल नाबालिग एक बीएमडब्ल्यू कार को चला रहा है और उस कार के बोनट पर एक दूसरा शख्स लेटा हुआ है. नाबालिग ये स्टंट कल्याण पश्चिम के शिवाजी चौक इलाके में कर रहा है, गौर करने वाली बात ये है कि ये इलाका लोगों से भरा रहता है. ऐसे में इस जगह पर दुर्घटना की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है. लेकिन इसके बावजूद लोगों से भरे हुए रास्ते पर स्टंट कर रहा है.
पुणे पोर्श कार हादसा इन दिनों देशभर की सुर्खियों में छाया हुआ है. अब मुंबई के कल्याण से एक और नाबालिग का कार से स्टंट करने का वीडियो सामने आया है.
— NDTV India (@ndtvindia) May 27, 2024
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बोनट पर मजे से लेटा शख्स, नाबालिग भीड़ में चलाता रहा कार
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें नाबालिग भीड़ वाली सड़क पर व्हाइट बीएमडब्ल्यू कार ड्राइव कर रहा है. इसी कार के बोनट पर एक शख्स मजे से लेटा हुआ है. वहां से गुजरते हुए लोग भी कार पर लेटे शख्स को देख हैरान रह गए. जो शख्स कार के बोनट पर लेटा हुआ है, उसकी पहचान 21 वर्षीय युवक, सुभम मितालिया के रूप में हुई. जिसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. जबकि किशोर और उसके पिता पर मामला दर्ज किया गया है. जो नाबालिग गाड़ी चला रहा है उसके पिता सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं.
पुणे पोर्श कार हादसे का आरोपी भी नाबालिग
सोशल मीडिया पर आया ये वीडियो इसलिए भी हैरान कर रहा है, क्योंकि हाल ही में पुणे में एक नाबालिग ने अपनी तेज रफ्तार कार से दो लोगों की जान ले ली. इस मामले का नाबालिग आरोपी एक बिल्डर का बेटा है. नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा गया और इस फैसले का इंतजार हो रहा है कि उस पर एक व्यस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाएगा कि नहीं. अभी नाबालिग के पिता जेल में हैं. ये मामला तब सुर्खियों में आया, जब मामूली शर्तों के साथ आरोपी को रिहा कर दिया था. आरोपी को सड़क दुर्घटनाओं पर निबंध लिखने, ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने को कहा गया था.
इसके बाद ये मामला सुर्खियों में आ गया. अब इस मामले में और सख्त तरह से आगे की कार्रवाई हो रही है. दरअसल किसी की जरा सी लापरवाही दूसरे इंसान की चान चली जाती है. देशभर से अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जिनमें कई लोगों की जान चली जाती है. इनमें से बहुत से मामलों में नाबालिग ही गाड़ी ड्राइव करते हुए पाए जाते हैं. सड़क पर वाहन चलाना वैसे ही किसी रिस्क से कम नहीं होता जबकि नाबालिगों के हाथ में गाड़ी देकर इन हादसों में इजाफे की संभावना और बढ़ जाती है.
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