केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि राष्ट्रविरोधी शब्द को कानून में परिभाषित नहीं किया गया है और इसे शामिल किए जाने के एक वर्ष बाद 1976 में संविधान से हटाया जा चुका है.गौरतलब है कि सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्यों की ओर से आमतौर पर 'राष्ट्रविरोधी' शब्द को पार्टी और पीएम मोदी सरकार के आलोचकों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है. मंत्री ने लिखित जवाब में कहा, हालांकि देश की एकता और अखंडता के लिए नुकसानदेह मानी जाने वाली गैरकानूनी और विध्वंसक गतिविधियों से निपटने के लिए कई तरह के आपराधिक कानून और विभिन्न न्यायिक व्यवस्था लागू की गई है.
राय ने AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन के उस सवाल के जवाब में यह बात कही जिसमें पूछा गया था कि क्या उसने किसी कानून या अन्य कानूनी अधिनियम के तहत 'इस शब्द' को परिभाषित किया है? अपने जवाब में गृह राज्य मंत्री ने कहा, यह शब्द (Phrase), संविधान के अनुच्छेद 31 डी में 42वें संशोधन के माध्यम से 1976 में (इमरजेंसी के दौरान) शामिल किया गया था. उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 31 डी को बाद में 1977 में 43वें संशोधन के द्वारा हटा दिया गया था.ओवैसी ने यह भी पूछा था कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों (Anti-national activity)से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए दिशानिर्देश तय किए हैं.पिछले तीन वर्षों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को लेकर गिरफ्तार किए गए लोगों के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि ऐसा डेटा केंद्र सरकार द्वारा नहीं रखा जाता.
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