विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन 12-13 जुलाई को सीरिया की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे. अगस्त 2016 के बाद से यह भारत की ओर से सीरिया की पहली मंत्री-स्तरीय यात्रा होगी. जबकि वी. मुरलीधरन की यह पहली सीरिया यात्रा है.
सीरिया यात्रा के दौरान वी. मुरलीधरन के दमिश्क में सीरियाई नेतृत्व से मिलने की संभावना है. वह सीरियाई छात्रों के एक समूह के साथ भी बातचीत करेंगे. इन छात्रों ने भारत सरकार की स्कॉलरशिप स्कीम के तहत भारत में पढ़ाई की है या आगे बढ़ रहे हैं. राज्य मंत्री के सीरियाई चर्च के पदाधिकारियों से भी मिलने की उम्मीद है.
भारत और सीरिया के बीच पारंपरिक रूप से मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं. सीरिया में संघर्ष के दौरान भारत ने सीरिया में अपना दूतावास बनाए रखा था. बड़ी संख्या में छात्र, व्यवसायी और मरीज भारत की यात्रा करते हैं. भारत ने प्रमुख आईटीईसी कार्यक्रम के तहत स्कॉलरशिप स्कीम और ट्रेनिंग कोर्स माध्यम से पिछले कुछ वर्षों में सीरियाई युवाओं की क्षमता निर्माण में बहुत योगदान दिया है. इस यात्रा से दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है.
बता दें कि इस साल मार्च में सीरिया की जंग के 12 साल पूरे हो गए. इतने सालों में अकेले अलेप्पो शहर में 51 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है. अलेप्पो शहर की 35 हजार इमारतें तबाह हो गईं. जंग की वजह से सीरिया की 6 UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट को भारी नुकसान हुआ.
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