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This Article is From May 24, 2017

चुनौतियों का हल सैन्य अफसरों को ही निकालना होगा, सांसदों से सलाह की जरूरत नहीं : अरुण जेटली

जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए मेजर लितुल गोगोई के फैसले पर बहस जारी, रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट की बैठक के बाद दिया अहम बयान

चुनौतियों का हल सैन्य अफसरों को ही निकालना होगा, सांसदों से सलाह की जरूरत नहीं : अरुण जेटली
अरुण जेटली ने कहा है कि सैन्य चुनौतियों का हल सैन्य अफसरों को ही निकालना होगा. उन्हें सांसदों से सलाह लेने की कोई जरूरत नहीं है.
  • मेजर लितुल गोगोई को सम्मानित किए जाने पर विवाद को लेकर आया बयान
  • शरद यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने गोगोई को सम्मानित करने पर सवाल उठाया
  • जेटली ने कहा, युद्ध के मैदान में सेना को फैसले करने का अधिकार हो
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाज़ों से निपटने के लिए एक स्थानीय युवक को जीप से बांधकर मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने के मेजर लितुल गोगोई के फैसले पर जारी राजनीतिक बहस के बीच रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली में कैबिनेट की बैठक के बाद एक अहम बयान दिया है. रक्षा मंत्री ने कहा "सैन्य चुनौतियों का हल सैन्य अफसरों को ही निकालना होगा. उन्हें सांसदों से सलाह लेने की कोई जरूरत नहीं है."

जेटली का बयान मेजर लितुल गोगोई को सेना प्रमुख द्वारा सम्मानित किए जाने पर जारी बहस के संदर्भ में आया है. ये महत्वपूर्ण है कि जेडी-यू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मेजर गोगोई को सम्मानित करने के फैसले पर सार्वजनिक तौर पर सवाल उठाया है.

जेटली ने यह भी कहा कि "युद्ध के मैदान में सेना के अधिकारियों को फैसले करने का अधिकार होना चाहिए." जाहिर है रक्षा मंत्री ने साफ शब्दों में जम्मू-कश्मीर में सेना की तरफ से की जा रही सख्त कार्रवाई का समर्थन किया है.

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