"दिल्ली मेट्रो की गति में पहला डिब्बा महिलाओं के लिए आरक्षित है, पुरुष यात्रियों से विनती है कि वह इस डिब्बे में यात्रा न करें, वरना जुर्माना भरना पड़ सकता है".... इस अनाउंसमेंट के बाद भी कई पुरुष जानबूझकर महिलाओं के डिब्बे में चढ़ जाते हैं. लेकिन अब इसे लेकर DMRC सख्त हो गई है और जुर्माना वसूल रही है.दिली मेट्रो (Delhi Metro Women Coach) में महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बे के बाहर साफ-साफ लिखा है कि इन डिब्बों में पुरुषों का चढ़ना मना है. लेकिन कई बार जल्दबाजी में तो कई बार जानबूझकर पुरुष महिला कोच में चढ़ जाते हैं.
महिला कोच में चढ़ने वाले पुरुष सावधान
लेकिन अब पुरुषों को सावधान रहने की जरूरत है. पुरुषों के गैरकानूनी प्रवेश पर दिल्ली मेट्रो काफी सख्त हो गई है. मेट्रो ने अपनी सभी लाइनों पर वीकडेज में एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिससे ये पता लगाया जा सके कि कहीं पुरुष महिलाओं के कोच में तो यात्रा नहीं कर रहे. इस अभियान के तहत मंगलवार को पहले दिन 108 पुरुषों को महिला कोचों से पकड़ा गया और उन पर जुर्माना लगाया गया. पकड़े गए हर पुरुष पर 250 रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
250 रुपए जुर्माना वसूल रही DMRC
दिल्ली मेट्रो ने स्पेशल ड्राइव के तहत 10 फ्लाइंग स्क्वायड को तैनात किया है. इसके लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), दिल्ली मेट्रो रेल पुलिस (DMRP) और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के कर्मी शामिल हैं. ये लोग यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि महिला यात्री मेट्रो में यात्रा करते समय सुरक्षित और आरामदायक महसूस करें. फ्लाइंग स्क्वायड पूरे दिन औचक निरीक्षण करके महिलाओं के डिब्बे में पुरुषों का गैरकानूनी प्रवेश या उनके दुर्व्यवहार पर कड़ी निगरानी रख रहा है.
नियम नहीं माने, जुर्माना नहीं भरा तो पुलिस निपटेगी
DMRC कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस के प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल ने कहा, "नियमों को तोड़ते वालों और फ्लाइंग स्क्वायड के नियमों की अनदेखी करने वालों और 250 रुपये का जुर्माना देने से इनकार करते वालों को मेट्रो से उतारकर डीएमआरपी को सौंप दिया जाएगा.
दिल्ली मेट्रो का कहना है कि महिला यात्री पुरुष यात्रियों द्वारा महिला कोचों में किसी दुर्व्यवहार या गैरकानूनी प्रवेश की शिकायत 24x7 हेल्पलाइन नंबर 155370 के जरिए डीएमआरसी से कर सकती हैं. अनुज दयाल ने कहा, "डीएमआरसी यह भी दोहराना चाहती है कि गाड़ी की गति की दिशा में सभी मेट्रो ट्रेनों का पहला कोच सिर्फ महिला यात्रियों के लिए आरक्षित है, और पुरुष यात्रियों को इस कोच में यात्रा करने से बचने की सलाह दी जाती है."
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