मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा है कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लेकर मेघालय की चिंताओं का समाधान कर दिया गया है क्योंकि राज्य के अधिकांश क्षेत्र छठी अनुसूची के अंतर्गत आते हैं, जिसकी वजह से उन्हें कानून से छूट प्राप्त है . नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के प्रमुख संगमा ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत के दौरान अपने राज्य में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिससे 'बाहरी लोगों' के प्रवेश पर पाबंदी लगेगी.
संगमा ने कहा, “सीएए में अभी एक तरह से हमारी रक्षा को लेकर पर्याप्त प्रावधान हैं, कटऑफ तारीख निर्धारित करने से लेकर 99.9 प्रतिशत छूट देने समेत... ये सभी बिंदु मौजूद हैं. लेकिन हमने अब भी भारत सरकार के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाया है, और हमने आईएलपी या किसी अन्य तंत्र के विस्तार के लिए भी कहा है जो हमें उन चिंताओं को दूर करने में मदद करेगा.”
उन्होंने कहा, “हमने पूछा है कि क्या गैर-अनुसूचित क्षेत्रों को भी (कानून से) छूट दी जा सकती है.”
उन्होंने कहा, 'जब सीएए का पहला मसौदा सामने आया था, तब किसी भी राज्य के लिए छूट का कोई प्रावधान नहीं था. हमने चिंता जताई, इसके बाद हम गृह मंत्री से मिले, हम अन्य नेताओं से मिले, फिर पूरे मसौदे पर दोबारा विचार किया गया और वे एक प्रावधान लेकर आए जिसके तहत मेघालय और छठी अनुसूची और आईएलपी वाले अन्य क्षेत्रों को छूट दी गई.”
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