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चिढ़ गया चीन, अमेरिकी दल की दलाई लामा से मुलाकात के मायने समझिए

ककॉल ने गग्गल हवाई अड्डा पर पहुंचने के बाद इस दौरे को लेकर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, "हम दलाई लामा से मिलने और कई चीजों पर बात करने को लेकर उत्साहित हैं, जिनमें अमेरिकी संसद द्वारा पारित विधेयक भी शामिल है"

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दलाई लामा और चीन के बीच बातचीत पर जोर देते हुए अमेरिका ने पास किया है एक बिल.

अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैककॉल के नेतृत्व में एक दल तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात करने के लिए मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला पहुंचा है. यह दल दलाई लामा से अमेरिका में हाल ही में पास किए गए एक बिल के बारे में बात कर सकता है. इस बिल में दलाई लामा और चीन के बीच की बातचीत पर जोर दिया गया है.

मैककॉल के अलावा दल में अमेरिकी संसद के छह और प्रमुख सदस्य शामिल हैं जिनमें - नैन्सी पेलोसी, मैरिएनेट मिलर, ग्रेगरी मीक्स, निकोल मैलियोटैकिस, जिम मैकगवर्न और एमी बेरा हैं. बता दें कि इस दल में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही पार्टियों के सदस्य शामिल हैं. इस दल का मकसद द्विपक्षिय संबंधो को मजबूत करना है. इतना ही नहीं यह दल भारतीय अधिकारियों से भी मुलाकात करेगा. 

अधिकारियों ने बताया कि दल यहां दो दिवसीय दौरे पर है और बुधवार सुबह दलाई लामा से मुलाकात करेगा. मैककॉल ने गग्गल हवाई अड्डा पर पहुंचने के बाद इस दौरे को लेकर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, "हम दलाई लामा से मिलने और कई चीजों पर बात करने को लेकर उत्साहित हैं, जिनमें अमेरिकी संसद द्वारा पारित विधेयक भी शामिल है, जिसमें मूल रूप से कहा गया है कि अमेरिका, तिब्बत के लोगों के साथ खड़ा है."

चीन ने ऐसी मुलाकातों का हमेशा किया है विरोध

अमेरिका के मुताबिक, चीन, तिब्बत में दमनकारी नीतियां अपनाता रहा है और इस वजह से चीन के लिए दल का दलाई लामा से मिलना बिल्कुल अच्छी खबर नहीं है. हालांकि, अमेरिका तिब्बत ऑटोनोमस रीजन को मान्यता देता है लेकिन चीन यहां जिस तरह की नीति अपनाता रहा है, अमेरिका उसके सख्त खिलाफ रहा है. 

अमेरिकी दल की दलाई लामा से मुलाकात का चीन को है ये संदेश

पिछले हफ्ते ही अमेरिका में एक बिल पास हुआ है. इस बिल में दलाई लामा और चीन के बीच की बातचीत पर जोर दिया गया है. इसमें दलाई लामा ने उनकी मांग की और ध्यान दिए जाने के बारे में बात की है और साथ ही चीन को तिब्बत के प्रति अपनी दमनकारी नीति को रोकने के लिए कहा गया है. दलाई लामा के साथ अमेरिकी दल की मुलाकात, चीन को साफ संदेश दे रही है कि वो चीन की तिब्बत के प्रति दमनकारी नीतियों के नाखुश है. यह बिल फिलहाल जो बाइडेन के पास लंबित है और पीटीआई के मुताबिक जब मैककॉल से पूछा गया कि क्या जो बाइडेन पर हस्ताक्षर करेंगे तो उन्होंने कहा, "हां, वह करेंगे."

भारतीय अधिकारियों से भी मुलाकात करेगा अमेरिकी दल

भारतीय अधिकारियों के साथ अमेरिकी दल द्वारा मुलाकात का अहम उद्धेश्य द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाना है. साथ ही अमेरिका में जल्द ही राष्ट्रपति के चुनाव होने वाले हैं. इसे देखते हुए दोनों देशों के बीच बातचीत का अहम मुद्दा आने वाले वक्त में यदि अमेरिका में सरकार बदलती है या फिर नहीं भी बदलती है तो दोनों ही तरह की स्थितियों में भारत और अमेरिका के संबंधों को बनाए रखना है. साथ ही दोनों के बीच के द्विपक्षीय रिश्ते सहयोग के साथ आगे बढ़ते रहें. 

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