प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ रहे रायबरेली शहर को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किए जाने वाले शहरों की गुरुवार को जारी सूची में जगह नहीं मिली और इसकी वजह उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पर्याप्त सूचना नहीं मिलने को बताया गया है।
देश भर में 100 स्मार्ट सिटी विकसित करने के प्रस्ताव के तहत संबंधित राज्य सरकारों को अपने कोटा के हिसाब से स्थानों के नाम देने थे। यह कोटा 'अधिसूचित शहरों' की संख्या और राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करेगा।
शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने उत्तर प्रदेश के 12 शहरों समेत 98 शहरों की सूची जारी करने के बाद कहा, उत्तर प्रदेश सरकार से 13वें स्मार्ट शहर के बारे में और जानकारी मांगी गई है, जिसकी घोषणा होना अभी बाकी है। रायबरेली से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लोकसभा सदस्य हैं।
शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश के खाते में स्मार्ट सिटी परियोजना में 13 जगह आवंटित की गई हैं और सरकार ने 14 शहरों के नाम दिए। इन दो में रायबरेली और मेरठ हैं, जिन्हें समान अंक मिले हैं। मंत्रालय ने राज्य सरकार से कहा था कि रायबरेली या मेरठ में से एक को सूची में से हटा लिया जाए।
उत्तर प्रदेश सरकार मेरठ का नाम वापस लेने पर तैयार हो गई थी, लेकिन केंद्र ने उसे इसकी वजह बताने को कहा और प्रक्रिया के बीच में फैसला रोक लिया। इसी तरह, जम्मू-कश्मीर के भी एक शहर का नाम स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने के लिए जारी नहीं किया जा सका, क्योंकि आवंटित कोटा के हिसाब से राज्य ने एक शहर का नाम नहीं दिया है।
राज्य सरकार ने श्रीनगर और जम्मू दोनों के नाम भेजे। नायडू ने कहा कि उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से बचे शेष दो शहरों के नामों की घोषणा समय पर की जाएगी।
देश भर में 100 स्मार्ट सिटी विकसित करने के प्रस्ताव के तहत संबंधित राज्य सरकारों को अपने कोटा के हिसाब से स्थानों के नाम देने थे। यह कोटा 'अधिसूचित शहरों' की संख्या और राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करेगा।
शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने उत्तर प्रदेश के 12 शहरों समेत 98 शहरों की सूची जारी करने के बाद कहा, उत्तर प्रदेश सरकार से 13वें स्मार्ट शहर के बारे में और जानकारी मांगी गई है, जिसकी घोषणा होना अभी बाकी है। रायबरेली से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लोकसभा सदस्य हैं।
शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश के खाते में स्मार्ट सिटी परियोजना में 13 जगह आवंटित की गई हैं और सरकार ने 14 शहरों के नाम दिए। इन दो में रायबरेली और मेरठ हैं, जिन्हें समान अंक मिले हैं। मंत्रालय ने राज्य सरकार से कहा था कि रायबरेली या मेरठ में से एक को सूची में से हटा लिया जाए।
उत्तर प्रदेश सरकार मेरठ का नाम वापस लेने पर तैयार हो गई थी, लेकिन केंद्र ने उसे इसकी वजह बताने को कहा और प्रक्रिया के बीच में फैसला रोक लिया। इसी तरह, जम्मू-कश्मीर के भी एक शहर का नाम स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने के लिए जारी नहीं किया जा सका, क्योंकि आवंटित कोटा के हिसाब से राज्य ने एक शहर का नाम नहीं दिया है।
राज्य सरकार ने श्रीनगर और जम्मू दोनों के नाम भेजे। नायडू ने कहा कि उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से बचे शेष दो शहरों के नामों की घोषणा समय पर की जाएगी।
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