बिहार में दवा की खरीद में एक घोटाला हुआ है। बिहार सरकार ने कुछ दवाओं की खरीद बाजार भाव से भी ज्यादा पर की है। बीजेपी का आरोप है कि इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ सीपी ठाकुर का कहना है कि नीतीश किसी घोटाले में शामिल नहीं हो सकते, वह ईमानदार छवि के नेता हैं।
इन दवाओं ने बीते 15 दिनों से बिहार की राजनीति में उबाल ला दिया है। विपक्ष का आरोप है कि करीब डेढ़ करोड़ की दवाएं बाजार भाव से भी ज्यादा पर खरीदी गई। यह खरीद बिहार सरकार के एक कारपोरेशन के जरिये अस्पतालों में मुफ्त सप्लाई के लिए हुई थी, जब स्वास्थ्य मंत्री नीतीश कुमार थे।
वहीं, नीतीश कुमार ने खुद पर लगे आरोपों के बाद बीजेपी नेता सुशील मोदी को खत लिखकर पूछा कि आप बिहार सरकार में मेरे साथ मंत्री रहे हैं, क्या दवा खरीद में स्वास्थ्य मंत्री की कोई भूमिका होती है। अगर मेरी तरफ से कोई आदेश है तो उसकी कॉपी मीडिया में जारी क्यों नहीं करते।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे दिलचस्प मोड़ तब आया जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता ही नीतीश के बचाव में आ गए। इस बीच मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने इस मामले में सीबीआई जांच से इनकार कर दिया है।
मांझी ने कहा कि पति पत्नी की झगड़े में सीबीआई जांच की मांग करते हैं?, बिहार की एजेंसी सक्षम हैं।
फिलहाल इस मामले में कई सवाल अनसुलझे हैं जिसका जवाब तो कोई नहीं दे रहा है। उल्टे एक तीर से कई शिकार की फिराक में राजनेता जरूर जुटे हैं।
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