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This Article is From Nov 25, 2022

खसरे का प्रकोप : डॉक्‍टरों ने बताया, बच्‍चों को खसरे के संक्रमण से बचाने के लिए करें ये उपाय..

खसरे के मामले अब तक मुख्‍यत: बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल और महाराष्‍ट्र में रिपोर्ट हुए हैं. महानगर मुंबई और महाराष्‍ट्र के अन्‍य जिलों में इसके केसों में वृद्धि देखने को मिली है.

खसरे का प्रकोप :  डॉक्‍टरों ने बताया, बच्‍चों को खसरे के संक्रमण से बचाने के लिए करें ये उपाय..
देश में खसरे के मामलों में इजाफा हो रहा है
नई दिल्‍ली:

देश में खसरे के मामलों में इजाफा हो रहा है. कई राज्‍यों में खसरे (measles) के बढ़ रहे मामलों ने इसके कुछ अन्‍य क्षेत्रों में फैलने को लेकर आशंका बढ़ा दी है. खसरे के मामले अब तक मुख्‍यत: बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल और महाराष्‍ट्र में रिपोर्ट हुए हैं.  महानगर मुंबई और महाराष्‍ट्र के अन्‍य जिलों में इसके केसों में वृद्धि देखने को मिली है. इसके मद्देनर केंद्र सरकार ने राज्यों से संवेदनशील क्षेत्रों में 9 माह से पांच साल की उम्र के बच्चों को खसरा और रूबेला के टीके की अतिरिक्त खुराक देने पर विचार करने के लिए कहा है. डॉक्‍टरों ने खसरे के प्रसार को रोकने के लिए कुछ खास उपाय बताए हैं.

डॉक्‍टरों के अनुसार, बच्‍चों को खसरे से बचाने के लिए सबसे पहले खसरा, कंठमाला और रूबेला (Measles, mumps and rubella) या MMR की कम से कम तीन डोज की जरूरत होती है. पहली डोज तब दी जाती है जब बच्‍चा 9 माह का होता है. इसी क्रम में दूसरी डोज बच्‍चे के 15 हाल के होने और तीसरी उसके पांच या छह साल के होने पर दी जाए. वायरस को फैलने से रोकने के लिए संक्रमित बच्‍चों को दूसरों से अलग रखने की जरूरत होती है. डॉक्‍टरों के अनुसार, अच्‍छी डाइट, हाइड्रेशन और स्‍वच्‍छता बनाए रखने के साथ ही एंटीबायोटिक लेने से खसरे के संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है. MMR वैक्‍सीन के दो डोज ने कई विकसित देशों में खसरे, कंठमाला और रूबेला के खिलाफ 'जंग' में मदद की है.   

गुरुवार को मुंबई में खसरे के 19 नए मामले रिकॉर्ड किए गए जबकि एक की मौत इससे कारण हुई. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि संक्रमण के मामलों में यह वृद्धि जन स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत चिंताजनक है. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव पी अशोक बाबू ने कहा, ‘‘यह भी स्पष्ट है कि ऐसे सभी भौगोलिक क्षेत्रों में प्रभावित बच्चों को मुख्यत: टीका नहीं लगा होता है और पात्र लाभार्थियों के बीच खसरा तथा रूबेला के टीके (एमआरसीवी) लगाए जाने का औसत भी राष्ट्रीय औसत से कम होता है.'' उन्होंने कहा कि इस संबंध में नीति आयोग के एक सदस्य (स्वास्थ्य) की अध्यक्षता में विशेषज्ञों के साथ बुधवार को एक बैठक की गई. बैठक से मिली जानकारियों के आधार पर केंद्र ने कहा कि राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को संवेदनशील इलाकों में नौ माह से पांच साल के सभी बच्चों को टीके की अतिरिक्त खुराक देने पर विचार की सलाह दी जाती है. सरकार ने कहा, ‘‘यह खुराक नौ से 12 महीने के बीच दी जाने वाली पहली खुराक और 16 से 24 माह के बीच दी जाने वाली दूसरी खुराक के अतिरिक्त होगी.''

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