
- भारत सरकार ने यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी सेना में शामिल होने के ऑफर को स्वीकार न करने की बार-बार सलाह दी है.
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने रूसी सेना में भर्ती भारतीयों के मुद्दे पर सरकार का आधिकारिक बयान जारी किया है.
- भारत ने रूसी अधिकारियों से इस भर्ती प्रक्रिया को बंद कराने और भारतीयों की रिहाई का अनुरोध किया है.
भारत सरकार ने एक बार फिर भारत के नागरिकों से आग्रह किया है कि वो यूक्रेन जंग के बीच रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी ऑफर को स्वीकार नहीं करें क्योंकि यह खतरे से भरा रास्ता है. रूसी सेना में भर्ती भारतीयों पर मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक बयान जारी करके सरकार का पक्ष रखा है.
बयान में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है: "हमने हाल ही में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के बारे में रिपोर्टें देखी हैं. सरकार ने पिछले एक साल में कई मौकों पर इससे जुड़े जोखिमों और खतरों को रेखांकित किया है और उसके अनुसार भारतीय नागरिकों को आगाह किया है. हमने दिल्ली और मॉस्को, दोनों में रूसी अधिकारियों के साथ भी मामला उठाया है, और अनुरोध किया है कि इस प्रैक्टिस को समाप्त किया जाए और हमारे नागरिकों को रिलीज किया जाए. हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के साथ भी संपर्क में हैं. हम एक बार फिर सभी भारतीय नागरिकों से आग्रह करते हैं कि वे रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी ऑफर से दूर रहें क्योंकि यह खतरे से भरा रास्ता है.''
Our response to media queries on Indians recruited into the Russian army
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 11, 2025
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IANS की रिपोर्ट के अनुसार विदेश मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में भी कहा था कि, सरकार के ठोस प्रयासों की वजह से रूसी सेना में शामिल अधिकांश भारतीय नागरिकों को पहले ही छुट्टी दे दी गई है. इसके अलावा संबंधित रूसी अधिकारियों से अनुरोध किया गया कि वे अपनी सेना में बाकि बचे भारतीय नागरिकों के बारे में अपडेट प्रदान करें, और उनकी सुरक्षा, भलाई और शीघ्र छुट्टी सुनिश्चित करें.
इसके अलावा विदेश राज्य मंत्री ने इस साल की शुरुआत में एक सवाल का जवाब देते हुए संसद में कहा था, "सरकार ने संघर्ष में अपनी जान गंवाने वाले सात भारतीय नागरिकों के शवों की वापसी की भी सुविधा प्रदान की है; ऐसे दो अन्य मामलों में, शवों का अंतिम संस्कार रूस में किया गया था. सरकार विदेश में सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और सहायता के लिए कोई भी अनुरोध प्राप्त होने पर उचित कार्रवाई करती है."
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