अदालत ने मरलमाची द्रविड़ मुनेत्र कझगम यानी एमडीएमके के अध्यक्ष वाइको को जमानत दे दी है. वाइको साल 2009 के राजद्रोह के एक मामले में तीन अप्रैल से जेल में थे. साल 2009 में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की संबंधित धारा 124 और 153 ए के तहत वाइको के खिलाफ मामल दर्ज किया था. वाइको पर यह मामला उनके द्वारा अपनी किताब नान कुटरम सतुगिरेन यानी आई एम मेकिंग द क्यूजिशन के लोकार्पण के दौरान दिए गए भाषण के लिए दर्ज किया गया था.
साल 2010 में इस मामले में आरोपपत्र दायर किया गया था. हालांकि मुकदमा अभी भी शुरू नहीं हुआ है. इस साल तीन अप्रैल को वाइको मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस गोपीनाथन के समक्ष पेश हुए और समर्पण याचिका दायर की.
हालांकि मजिस्ट्रेट ने उन्हें जमानत पर छोड़ने की पेशकश की लेकिन वाइको ने इसके लिए आवेदन करने से मना कर दिया. इसके बाद वाइको को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. बाद में एमडीएमके नेता को पुजहाल के केंद्रीय कारागार में रखा गया. वाइको ने कल जमानत आवेदन के लिए अदालत का रूख किया. वह जब आज सुनवाई के लिए आए तो अतिरिक्त सिटी सिविल कोर्ट न्यायधीश पुरूषोत्मन ने बिना किसी शर्त के जमानत दे दी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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