नई दिल्ली:
साल 1993 के मुंबई बम धमाकों के मामले में बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को उच्चतम न्यायालय द्वारा गुरुवार को पांच साल की सजा सुनाए जाने के बाद भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) मार्कण्डेय काटजू ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन से अपील की है कि वह संजय की सजा माफ कर दें।
यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि काटजू ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत यह कहते हुए संजय की सजा माफ किए जाने की मांग की है कि उन्हें 1993 के धमाकों में किसी भूमिका के लिए दोषी करार नहीं दिया गया है और उन्होंने बहुत कष्ट झेले हैं।
काटजू ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने शस्त्र कानून के तहत दोषी पाते हुए संजय को कानून के तहत निर्धारित न्यूनतम सजा सुनाई है। पीसीआई अध्यक्ष ने कहा, ‘‘शस्त्र कानून की धारा 25 (1-ए) के मुताबिक यदि किसी शख्स को बिना लाइसेंस के गैर-कानूनी हथियार अपने पास रखने का दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम पांच साल और अधिक से अधिक 10 साल की सजा सुनायी जाएगी।’’
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके काटजू ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत माफी देने का अधिकार न्यायिक शक्ति से अलग है क्योंकि किसी को अदालत द्वारा न्यूनतम सजा सुनाए जाने के बावजूद राज्यपाल या राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह दोषी की सजा माफ कर दें या सजा कम कर दें।
यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि काटजू ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत यह कहते हुए संजय की सजा माफ किए जाने की मांग की है कि उन्हें 1993 के धमाकों में किसी भूमिका के लिए दोषी करार नहीं दिया गया है और उन्होंने बहुत कष्ट झेले हैं।
काटजू ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने शस्त्र कानून के तहत दोषी पाते हुए संजय को कानून के तहत निर्धारित न्यूनतम सजा सुनाई है। पीसीआई अध्यक्ष ने कहा, ‘‘शस्त्र कानून की धारा 25 (1-ए) के मुताबिक यदि किसी शख्स को बिना लाइसेंस के गैर-कानूनी हथियार अपने पास रखने का दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम पांच साल और अधिक से अधिक 10 साल की सजा सुनायी जाएगी।’’
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके काटजू ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत माफी देने का अधिकार न्यायिक शक्ति से अलग है क्योंकि किसी को अदालत द्वारा न्यूनतम सजा सुनाए जाने के बावजूद राज्यपाल या राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह दोषी की सजा माफ कर दें या सजा कम कर दें।
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