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This Article is From Nov 27, 2018

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सलाह: PM मोदी को सार्वजनिक भाषणों में संयम बरतना चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजनीतिक संवाद के स्तर में आई गिरावट के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने परवर्ती नरेंद्र मोदी से सोमवार को सार्वजनिक भाषणों में संयम बरतने की अपील की.

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सलाह: PM मोदी को सार्वजनिक भाषणों में संयम बरतना चाहिए
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजनीतिक संवाद के स्तर में आई गिरावट के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने परवर्ती नरेंद्र मोदी से सोमवार को सार्वजनिक भाषणों में संयम बरतने की अपील की. मनीष तिवारी की किताब 'फेबल्स ऑफ फ्रैक्चर्ड टाइम्स' के विमोचन के दौरान सिंह से जब राजनेताओं की भाषा के स्तर में आई गिरावट पर उनकी राय मांगी गई तो उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री को मेरी सलाह है कि वह संयम बरतें जो प्रधानमंत्री की तरह हो. प्रधानमंत्री जब उन राज्यों में जाते हैं जहां भाजपा का शासन नहीं है तब उनका दायित्व होता है कि वह उस तरह की भाषा का इस्तेमाल न करें जिसका अब आमतौर पर व्यवहार हो रहा है."

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मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्होंने और कांग्रेस की अगुवाई में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार ने कभी उस तरह का भेदभाव नहीं किया जिस तरह का व्यवहार मोदी रोज कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमने भाजपा शासित राज्यों के साथ कभी भेदभाव नहीं किया. (मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री) शिवराज सिंह खुद इस बात का सत्यापन कर सकते हैं.  हमने वह सम्मान दिया जिसके वह अधिकारी थे."

उन्होंने मोदी से मिसाल कायम करने की अपील की. उन्होंने आगे कहा कि, "वह सभी भारतवासियों के प्रधानमंत्री हैं. उनका आचरण अवश्य योग्य होना चाहिए और प्रधानमंत्री के तौर पर उनके दायित्व के अनुरूप होना चाहिए."


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इससे पहले पिछले दिनों ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए कहा था कि उनका शासन भारत के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि उन्होंने मतदाताओं का भरोसा तोड़ा है और ऐसी सरकार का नेतृत्व किया है जो देश में साम्प्रदायिक हिंसा, लिंचिंग और गऊ-रक्षा से जुड़ी घटनाओं पर ‘अक्सर चुप रही'. उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार के तहत देश के विश्वविद्यालयों और सीबीआई जैसे राष्ट्रीय संस्थानों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.

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