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This Article is From Jul 30, 2018

मणिपुर फर्जी एनकाउंटर मामला : सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

सुनवाई के दौरान सीबीआई डायरेक्टर ने कहा, 'कुल 41 मामले हैं जिनमें से 2 मामलों में आरोपत्र दाखिल कर दिया गया है. 7 मामले में जांच पूरी कर अगस्त तक आरोप पत्र दाखिल कर देंगे.

मणिपुर फर्जी एनकाउंटर मामला : सीबीआई को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
भारतीय सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: मणिपुर फर्जी एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर से पूछा, तो 'आप चाहते हैं कि मणिपुर हत्यारों से घिरा रहे?' सीबीआई डायरेक्टर ने कहा कि 30 सालों बाद उनके पास से कुछ बरामद नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई बलात्कार का आरोपी है तो आप उससे क्या बरामद करेंगे? आप उसे फ्री घूमने देंगे? सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई डायरेक्टर ने कहा कि अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है क्योंकि मामला बहुत पुराना है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हत्यारे मणिपुर में घूम रहे हैं. आपके आरोपत्र के हिसाब से वो खूनी हैं फिर भी आप उनको इम्फाल की सड़कों पर घूमने की इजाजत दे रहे हैं.

सुनवाई के दौरान सीबीआई डायरेक्टर ने कहा, 'कुल 41 मामले हैं जिनमें से 2 मामलों में आरोपत्र दाखिल कर दिया गया है.  7 मामले में जांच पूरी कर अगस्त तक आरोप पत्र दाखिल कर देंगे. इस साल के अंत तक 27 मामले में जांच पूरी कर आरोपत्र दाखिल कर देंगे. मार्च 2018 तक पूरे मामले की जांच पूरी करेंगे.'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जुलाई 2017 में जो जांच शुरू हुई उसको पूरा होने में एक साल 6 महीने लग जाएंगे. कोर्ट ने मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत में पूछताछ का जिम्मा भी SIT पर छोड़ा. दरअसल तलब करने के बाद सीबीआई डायरेक्टर सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक काम कर रहे हैं. जब भी जरूरत होती है तो कोर्ट के आदेश के बाद संख्या को बढ़ाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आरोपत्र दाखिल करने में देरी क्यों हुई? कोर्ट ने पूछा कि क्या और अधिकारियों की जरूरत है. SIT चीफ़ ने कोर्ट को बताया कि हर केस में एक अतिरिक्त IO की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को 12 और अफसर नियुक्त करने के आदेश दिए. 20 अगस्त को अगली सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई निदेशक उपस्थित रहेंगे.

न्यायलाय मणिपुर में कथित रूप से न्यायेत्तर हत्याओं के 1528 से अधिक मामलों की जांच के लिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. न्यायालय ने इस मामले में पिछले साल 14 जुलाई को विशेष जांच दल गठित किया था और उसे प्राथमिकी दर्ज करके उनकी जांच का आदेश दिया था.

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