फाइल फोटो
बेंगलुरु:
मंगल ग्रह पर अतिरिक्त अवधि के लिए रुका हुआ मंगल मिशन सोमवार से उपग्रह से संचार तोड़ते हुए 'ब्लैकआउट' चरण में प्रवेश करेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एमओएम इस अवधि के दौरान एक स्वतंत्र मोड में चला जाएगा और अपने फैसले लेगा।
उन्होंने कहा, पहली बार ऐसा होगा कि करीब 15 दिन की इतनी लंबी अवधि के लिए संचार ठप रहेगा। इस अवधि में उपग्रह के साथ कोई संचार नहीं होगा। इस 'ब्लैकआउट' अवधि के पूरा होने के बाद उपग्रह पर फिर से नियंत्रण प्राप्त करने का विश्वास जताते हुए अधिकारी ने कहा, इस परिदृश्य का परीक्षण पहले किया जा चुका है। संचार पुन: स्थापित होगा।
अतिरिक्त ईंधन की वजह से मार्च महीने में अंतरिक्षयान की अवधि छह महीने के लिए और बढ़ा दी गई थी। इसरो अधिकारी ने कहा कि मंगलयान को ब्लैकआउट के लिए तैयार किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, हम अब अंतरिक्षयान को कोई निर्देश नहीं भेज रहे हैं। 8 जून तक अंतरिक्षयान को कुछ घंटे के लिए संकेत भेजे जाएंगे, जो हर दिन करीब दो से तीन घंटे के होंगे। अगर मिशन की अवधि एक बार फिर बढ़ाई जाती है, तो अगले साल मई में भी मिशन फिर से इस तरह के चरण से गुजरेगा, जब सूर्य और मंगल के बीच पृथ्वी होगी।
भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रचते हुए पिछले साल 24 सितंबर को अपने कम लागत वाले मंगलयान को सफलतापूर्वक पहले ही प्रयास में लाल ग्रह की कक्षा में स्थापित किया था और तीन देशों के प्रतिष्ठित क्लब में शामिल हो गया था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एमओएम इस अवधि के दौरान एक स्वतंत्र मोड में चला जाएगा और अपने फैसले लेगा।
उन्होंने कहा, पहली बार ऐसा होगा कि करीब 15 दिन की इतनी लंबी अवधि के लिए संचार ठप रहेगा। इस अवधि में उपग्रह के साथ कोई संचार नहीं होगा। इस 'ब्लैकआउट' अवधि के पूरा होने के बाद उपग्रह पर फिर से नियंत्रण प्राप्त करने का विश्वास जताते हुए अधिकारी ने कहा, इस परिदृश्य का परीक्षण पहले किया जा चुका है। संचार पुन: स्थापित होगा।
अतिरिक्त ईंधन की वजह से मार्च महीने में अंतरिक्षयान की अवधि छह महीने के लिए और बढ़ा दी गई थी। इसरो अधिकारी ने कहा कि मंगलयान को ब्लैकआउट के लिए तैयार किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, हम अब अंतरिक्षयान को कोई निर्देश नहीं भेज रहे हैं। 8 जून तक अंतरिक्षयान को कुछ घंटे के लिए संकेत भेजे जाएंगे, जो हर दिन करीब दो से तीन घंटे के होंगे। अगर मिशन की अवधि एक बार फिर बढ़ाई जाती है, तो अगले साल मई में भी मिशन फिर से इस तरह के चरण से गुजरेगा, जब सूर्य और मंगल के बीच पृथ्वी होगी।
भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रचते हुए पिछले साल 24 सितंबर को अपने कम लागत वाले मंगलयान को सफलतापूर्वक पहले ही प्रयास में लाल ग्रह की कक्षा में स्थापित किया था और तीन देशों के प्रतिष्ठित क्लब में शामिल हो गया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं