जामिया यूनिवर्सिटी के पास हो रहे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन में एक शख्स खुलेआम तमंचा लेकर घुसा और फिर फायरिंग कर दी. इस दौरान उसने फायरिंग करते हुए 'ये लो आजादी' भी कहा. इस फायरिंग में एक जख्मी भी हुआ. घटना दोपहर लगभग 1:40 बजे की है, इसके बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्र राजघाट तक पदयात्रा निकालने की तैयारी कर रहे थे. तभी एक युवक आया और उसने 'ये लो आज़ादी' और दिल्ली पुलिस ज़िंदाबाद के नारे लगाते हुए गोली चलाई. गोली शादाब नाम के छात्र के हाथ पर लगी. शादाब को होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है.
पुलिस की मौजूदगी में अचानक गोली चलने से हड़बड़ाए और मौके पर मौजूद दक्षिण-पूर्वी दिल्ली जिले के डीसीपी चिन्मय बिस्वास मीडिया से काफी देर तक यही कहते देखे-सुने जाते रहे कि, "अभी थाना और जिला सीमा का ठीक-ठीक नहीं पता चला है. आरोपी को पकड़ लिया गया है. आरोपी से पूछताछ की जा रही है. एक छात्र गोली लगने से घायल हो गया है. उसकी हालत खतरे से बाहर है."
डीसीपी ने कहा, "गोली देसी तमंचे से चलाई गई है. आरोपी ने वैमनस्य फैलाने वाले नारे भी लगाए थे." उधर मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, "गोली चलाने वाले ने साफ साफ चीख कर कहा, 'लो ले तुम अब आजादी' इसके बाद उसने गोली चला दी. गोली छात्रों की भीड़ की ओर पिस्तौल करके चलाई गई थी.'
गोली लगने से घायल युवक को तुरंत प्राइवेट अस्पताल में दाखिल कराया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, 'गोली चलाने वाले ने 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे भी लगाए.'
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बता दें कि दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में उत्तरी राज्यों के हजारों लोगों और छात्र संगठनों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. इनमें से बहुत से लोग ऐसे थे जो दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में चल रहे सीएए विरोधी धरने का भी हिस्सा रहे हैं. गैर सरकारी संगठन ‘युनाइटेड अगेंस्ट हेट' के एक कार्यकर्ता नदीम खान ने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार सीएए, एनआरसी और एनपीआर के गठजोड़ को वापस ले.”
#WATCH A man brandishes gun in Jamia area of Delhi, culprit has been detained by police. More details awaited. pic.twitter.com/rAeLl6iLd4
— ANI (@ANI) January 30, 2020
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू), मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के छात्र समूह प्रदर्शन में शामिल होने वालों में थे. शाहीन बाग के कई प्रदर्शनकारी भी जंतर-मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. शाहीन बाग में एक महीने से भी ज्यादा समय से सीएए के खिलाफ धरना चल रहा है. ‘शाहीन बाग की दादियां' भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने आई थीं लेकिन यात्रा पाबंदियों के चलते वह प्रदर्शनस्थल तक नहीं पहुंच सकीं. दक्षिण दिल्ली के इलाके में चल रहे प्रदर्शन में शामिल बुजुर्ग महिलाओं के लिये “दादियां” शब्द चर्चित रहा है. प्रदर्शनकारियों ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के प्रदर्शनकारी शामिल थे.
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जयपुर से आए कारोबारी नईम रब्बानी ने कहा कि सीएए भेदभाव करने वाला है क्योंकि इसमें मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है. यहां 400 अन्य लोगों के साथ पहुंचे रब्बानी ने कहा, “हम अपनी आखिरी सांस तक संविधान को बचाने की कोशिश करेंगे.” प्रदर्शनकारियों ने जेएनयू के शोधार्थी शरजील इमाम की गिरफ्तारी का भी विरोध किया, जिसे कथित रूप से भड़काउ बयान के लिये देशद्रोह के मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया था. नदीम खान ने कहा, “हम शरजील इमाम की गिरफ्तारी की निंदा करते हैं और हम उनके खिलाफ लगाए गए देशद्रोह के आरोपों की भी आलोचना करते हैं. उनके परिवार को भी प्रताड़ित किया गया.”
मोहम्मद जावेद ने कहा कि सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के लिये उसने सेना छोड़ दी. जावेद ने कहा कि वह सियाचिन ग्लेशियर में तैनात रह चुका है. उन्होंने कहा, “हम सभी भारतीय हैं, मेरे पूर्वजों ने भी देश के लिये जंग लड़ी है और मैं कोई दस्तावेज नहीं दिखाऊंगा.” दिल्ली की रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता जुलेखा जबीं ने कहा कि उनकी लड़ाई अगली पीढ़ी और स्वतंत्रता के लिये है. उन्होंने कहा, “हम इसके लिये अपनी आखिरी सांस तक प्रयास करेंगे.”
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