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This Article is From Feb 29, 2020

दिल्ली पुलिस पर आरोप, घायल शख्स को राष्ट्रगान गाने के लिए किया था मजबूर, बाद में हुई मौत

वीडियो में पांच लोग बुरी तरह घायल हालत में सड़क पर पड़े हुए और राष्ट्रगान गाते दिखाए दे रहे हैं. इन लोगों के चारों ओर पुलिसवाले हैं.

दिल्ली पुलिस पर आरोप, घायल शख्स को राष्ट्रगान गाने के लिए किया था मजबूर, बाद में हुई मौत
फैजान की जीटीबी अस्पताल में मौत (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के बीच पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी 23 वर्षीय लड़के समेत पांच लोगों को राष्ट्रगान गाने के मजबूर कर रहे हैं. वीडियो में दिखाई दे रहे  23 वर्षीय युवक की गुरुवार को मौत हो गई है. युवक का नाम फैजान है और वह उत्तर पूर्वी दिल्ली के करदमपुरी इलाके में रहता था. उसके परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और उसकी पिटाई की, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा के दौरान यह वीडियो सामने आया. इस हिंसा में 42 लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.  

वीडियो में पांच लोग बुरी तरह घायल हालत में सड़क पर पड़े हुए और राष्ट्रगान गाते दिखाए दे रहे हैं. इन लोगों के चारों ओर पुलिसवाले हैं. उनमें से दो पुलिसकर्मी उनके चेहरे की ओर लाठी ले जाते हुए कहता है, "अच्छी तरह गा." फेक्ट चेकिंग वेबसाइट AltNews ने इस वीडियो को सत्यापित किया है. दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में  फैजान को गुरुवार को मृत घोषित कर दिया गया. उसके परिवार का आरोप है कि फैजान समेत वीडियो में दिख रहे अन्य लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया और उनकी पिटाई की. 

फैजान की मां ने एनडीटीवी को बताया, "फैजान और अन्य युवकों को बुरी तरह से पीटा गया. फैजान की दोनों टांग टूट गई थी. पिटाई की वजह से उसका पूरा शरीर काला पड़ गया था. पहले फैजान को सड़क पर पीटा गया, फिर पुलिस उसे अपने साथ थाने ले आई." 

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उन्होंने कहा, "मेरे एक जानने वाले ने फैजान को पहचाना और मुझे इसकी जानकारी दी, मैं अस्पताल गई तो फैजान वहां नहीं था. इसके बाद मैं ज्योति कालोनी पुलिस स्टेशन गई. मैंने पुलिस को फोटो दिखाई तो उन्होंने बताया कि वह यहीं पर है. मैंने अपने बेटे से मिलवाने और उसे छोड़ने के लिए कहा लेकिन उन्होंने मुझे मिलने नहीं दिया. मैंने रात एक बजे तक इंतजार किया." 

फैजान की मां ने बताया कि अगले दिन मैं दो और लोगों के साथ पुलिस थाने पहुंची तो उन्होंने हिरासत में लेने की धमकी दी. उन्होंने मुझे रात 11 बजे बुलाया जब तक फैजान की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ चुकी थी. 

एक अन्य रिश्तेदार ने कहा, "फैजान विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं था." पुलिस के फैजान को छोड़ने के बाद परिवार वाले उसे एक स्थानीय डॉक्टर के पास ले गए. 

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करदमपुरी में क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर खालिक अहमद शेरवानी ने एनडीटीवी को बताया, "जब फैजान को मेरे पास लाया गया तो उसकी मां ने बताया कि पुलिस ने उसे पीटा है और उसे थाने ले गई थी और दो दिन बाद छोड़ा." डॉक्टर ने कहा, "फैजान का ब्लड प्रेशर और पल्स बहुत कम थी. उसे अस्पताल भेजा गया. उसके सिर में चोटें थीं और उसे अंदरुनी चोटें भी आई थीं. उसकी पीठ चोट की वजह से नीली पड़ी हुई थी." 

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