पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप और हत्या की घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को आज शाम 6 बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया है. मुख्य सचिव मनोज पंत के एक पत्र में सुझाव दिया गया है कि मुख्यमंत्री से मिलने वाले डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल में 12-15 सदस्य शामिल होंगे. इससे पहले, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा था कि वे मुख्यमंत्री के साथ बैठक के लिए तैयार हैं. गौरतलब है कि डॉक्टर राज्य स्वास्थ्य सचिवालय, स्वास्थ्य भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांगों में 9 अगस्त को 31 वर्षीय डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, कथित कवर-अप में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई और कोलकाता पुलिस आयुक्त और स्वास्थ्य सचिव सहित शीर्ष अधिकारियों का इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
बताते चलें कि देश को झकझोर देने वाली रेप-हत्या की घटना पर कोलकाता के डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन का आज 33वां दिन है. घटना के बाद, राज्य स्वास्थ्य सेवा तंत्र के भीतर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं. आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है.
प्रदर्शनकारी डॉक्टर स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम सहित राज्य स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों को हटाने की मांग कर रहे हैं. इससे पहले, राज्य सरकार ने कहा था कि उसने प्रदर्शनकारियों को पत्र लिखा है और गतिरोध से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए उन्हें राज्य सचिवालय 'नबन्ना' में एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है. लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि बैठक के लिए मेल राज्य के स्वास्थ्य सचिव का था, जिनसे वे इस्तीफा मांग रहे हैं. उन्होंने इसे "अपमानजनक" बताया और राज्य सरकार द्वारा बैठक में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या 10 तक सीमित करने पर आपत्ति जताई.
डॉक्टर 10 सितंबर शाम 5 बजे तक ड्यूटी पर लौटने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की अवहेलना कर रहे हैं. कोर्ट ने डॉक्टरों को ड्यूटी पर वापस लौटने को कहा था और राज्य सरकार से उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा था. लेकिन डॉक्टरों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे. उन्होंने शेड लगाए हैं, पंखे और भोजन-पानी की व्यवस्था की है, जिससे पता चलता है कि उनकी मांगें पूरी होने तक पीछे हटने की कोई योजना नहीं है.
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