मुंबई:
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वर्ष 2006 में हुए मालेगांव बम विस्फोट मामले में चार लोगों के खिलाफ बुधवार को विशेष मकोका अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।
एनआईए के एक सूत्र ने बताया कि महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश पृथ्वीराज चव्हाण समक्ष आरोपपत्र दायर किया गया। आरोपपत्र में लोकेश शर्मा, धन सिंह, राजेंद्र चौधरी और मनोहर नरवारिया को आरोपी बनाया गया है। इनकी गिरफ्तारी पिछले एक वर्ष के दौरान की गई।
सभी पर हत्या और जमीदिया मस्जिद के समीप जुमे की नमाज के दौरान बम विस्फोट की साजिश रचने और योजना बनाने का आरोप लगाया गया है। इन चारों के अलावा कई अन्य लोगों के खिलाफ एनआईए की जांच जारी है।
8 सितंबर 2006 को हुए बम विस्फोट में 37 लोग मारे गए थे और 125 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
विस्फोट के तुरंत बाद महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने मालेगांव के नौ मुस्लिम युवकों को संदेह में गिरफ्तार कर लिया था।
जिन युवकों को गिरफ्तार किया गया उनमें नूरुल होदा शमसुद दोहा, शब्बीर अहमद मस्सिउल्लाह, रईस अहमद रज्जाब अली मंसूरी, सलमान फारसी अब्दुल लतीफ अइमी, फारूख इकबाल अहमद मगदुमी, मोहम्मद अली आलम शेख, आसिफ बशीर खान, मोहम्मद जाहिफ अबुदल मजीद अंसारी और अबरार अहमद (बाद में सरकारी गवाह बने) शामिल थे।
बाद में वर्ष 2011 में स्वामी असीमनंदा की गिरफ्तारी के बाद इस विस्फोट में कट्टरपंथी हिंदू संगठन की भूमिका सामने आई और एनआईए की जांच ने एक नया मोड़ ले लिया।
जमायत उलेमा-ए-महाराष्ट्र (जेयूएम) के प्रवक्ता और वकील शाहिद एन अंसारी ने कहा कि उनके संगठन ने गिरफ्तार नौ लोगों का मामला उठाया और उन्हें जमानत मिली।
मजेदार है कि मामले की जांच एटीएस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने हाथों में ले लिया था और एनआईए के खुलासे तक वह एटीएस की जांच को ही सही मानती रही।
एनआईए के एक सूत्र ने बताया कि महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश पृथ्वीराज चव्हाण समक्ष आरोपपत्र दायर किया गया। आरोपपत्र में लोकेश शर्मा, धन सिंह, राजेंद्र चौधरी और मनोहर नरवारिया को आरोपी बनाया गया है। इनकी गिरफ्तारी पिछले एक वर्ष के दौरान की गई।
सभी पर हत्या और जमीदिया मस्जिद के समीप जुमे की नमाज के दौरान बम विस्फोट की साजिश रचने और योजना बनाने का आरोप लगाया गया है। इन चारों के अलावा कई अन्य लोगों के खिलाफ एनआईए की जांच जारी है।
8 सितंबर 2006 को हुए बम विस्फोट में 37 लोग मारे गए थे और 125 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
विस्फोट के तुरंत बाद महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने मालेगांव के नौ मुस्लिम युवकों को संदेह में गिरफ्तार कर लिया था।
जिन युवकों को गिरफ्तार किया गया उनमें नूरुल होदा शमसुद दोहा, शब्बीर अहमद मस्सिउल्लाह, रईस अहमद रज्जाब अली मंसूरी, सलमान फारसी अब्दुल लतीफ अइमी, फारूख इकबाल अहमद मगदुमी, मोहम्मद अली आलम शेख, आसिफ बशीर खान, मोहम्मद जाहिफ अबुदल मजीद अंसारी और अबरार अहमद (बाद में सरकारी गवाह बने) शामिल थे।
बाद में वर्ष 2011 में स्वामी असीमनंदा की गिरफ्तारी के बाद इस विस्फोट में कट्टरपंथी हिंदू संगठन की भूमिका सामने आई और एनआईए की जांच ने एक नया मोड़ ले लिया।
जमायत उलेमा-ए-महाराष्ट्र (जेयूएम) के प्रवक्ता और वकील शाहिद एन अंसारी ने कहा कि उनके संगठन ने गिरफ्तार नौ लोगों का मामला उठाया और उन्हें जमानत मिली।
मजेदार है कि मामले की जांच एटीएस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने हाथों में ले लिया था और एनआईए के खुलासे तक वह एटीएस की जांच को ही सही मानती रही।
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महाराष्ट्र, मालेगांव धमाका, सितंबर 2008, एटीएस, एनआईए, Maharashtra, Malegaon Blasts, September 2008, ATS, NIA