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This Article is From Apr 28, 2017

मालेगांव ब्लास्ट केस : अब जमानत के लिए कर्नल पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

मालेगांव ब्लास्ट केस : अब जमानत के लिए कर्नल पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
फाइल फोटो
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
2008 के मालेगांव ब्‍लास्‍ट केस में आरोपी हैं
इसी मामले में साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर को बांबे हाई कोर्ट से जमानत मिली
पैरिटी के आधार पर कर्नल पुरोहित ने जमानत मांगी
नई दिल्ली: 2008 के मालेगांव ब्‍लास्‍ट केस में बांबे हाई कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद कर्नल पुरोहित ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जमानत की याचिका दाखिल की है. बांबे हाई कोर्ट ने इस मामले की एक अन्‍य आरोपी साध्‍वी प्रज्ञा को जमानत दे दी थी. याचिका में पैरिटी (parity) के आधार पर जमानत मांगी गई है. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा है कि वो सुनवाई पर गौर करेंगे. याचिका में कर्नल पुरोहित ने कहा है कि वो आठ साल से जेल में बंद हैं. इस मामले में बांबे हाईकोर्ट ने सही फैसला नहीं दिया है. हाई कोर्ट ने इसी आधार पर साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी लेकिन उनको(कर्नल पुरोहित) जमानत देने से इनकार कर दिया. इसलिए उन्हें भी समानता के आधार पर जमानत दे दी जाए.

याचिका में ये भी कहा है कि हाई कोर्ट ने सेना की कोर्ट आफ इंक्वायरी की रिपोर्ट पर गौर नहीं किया जिसमें कहा गया है कि वो सेना के लिए इंटेलीजेंस का काम करते थे.

उल्‍लेखनीय है कि 2008 के मालेगांव धमाका मामले में बांबे हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 5 लाख के निजी मुचलके पर 25 अप्रैल को जमानत दे दी है. वहीं कर्नल पुरोहित की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इसके पहले जांच एजेंसी एनआईए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को अपनी जांच में क्लीन चिट दे चुकी है बावजूद इसके ट्रायल कोर्ट साध्वी की जमानत खारिज कर चुकी है. एनआईए का दावा है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ मुकदमा चलाने लायक सबूत नहीं है. इसकी वजह है मामले पर मकोका कानून का न बनना, जबकि ट्रायल कोर्ट ने अभी तक मकोका हटाने पर कोई फैसला नहीं दिया है.


 

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