
दिल्ली के गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल (Delhi GB Pant Hospital) में मलयालम भाषा (Malayalam Language) के इस्तेमाल पर रोक का फरमान प्रशासन को वापस लेना पड़ा है. अस्पताल प्रशासन की ओर से कर्मचारियों के लिए आदेश जारी हुआ था कि वे अस्पताल परिसर में मलयालम भाषा का इस्तेमाल करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. मामला तूल पकड़ने लगा और कई वरिष्ठ नेताओं ने भी इस फरमान का विरोध किया. विवाद बढ़ता देख दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) ने जीबी पंत अस्पताल प्रशासन को यह आदेश वापस लेने के लिए कहा है.
सत्येंद्र जैन ने कहा कि जीबी पंत अस्पताल के नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट को मीमो भी जारी किया जा रहा है. उनसे पूछा जाएगा कि कैसे इस तरह का आदेश जारी हुआ?
बता दें कि मलयालम भाषा को लेकर जीबी पंत में जारी सर्कुलर के मुताबिक सभी नर्सों को हिंदी या अंग्रेजी भाषा में ही बात करने को कहा गया था. सर्कुलर में कहा गया था कि कि इन दोनों भाषाओं के अलावा अगर किसी और भाषा में बात करते कोई पकड़ा गया तो कार्रवाई की जाएगी.
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आइय अब आपको बताते हैं अस्पताल में मलयालम भाषा पर विवाद कैसे बढ़ा.. अस्पताल प्रशासन को एक शिकायत मिली थी कि नर्सिंग स्टाफ बोलचाल के लिए राज्य और स्थानीय भाषा का इस्तेमाल करते हैं. जिसके चलते मरीजों को असुविधा होती है. इस शिकायत के बाद ही जीबी पंत अस्पताल ने यह मलयालम भाषा को लेकर यह सर्कुलर जारी किया था.
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