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भारतीय नौसेना (Indian Navy) द्वारा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सोमवार को एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया गया. नौसेना के पायलटों ने आईएनएस विक्रांत पर हल्के लड़ाकू विमान एलसीए (नौसेना) की सफल लैंडिंग की. स्वदेशी लड़ाकू विमान के साथ स्वदेशी विमान वाहक को डिजाइन, विकसित, निर्माण और संचालित करने की कला भारत की क्षमता को प्रदर्शित करता है.
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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत (आईएएसी) को दो सितंबर को नौसेना में शामिल किया है. समुद्री परीक्षण के चौथे और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद भारतीय नौसेना ने 28 जुलाई को सीएसएल से इस विमान वाहक पोत को हासिल किया था.
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विमान वाहक पोत के लिए लड़ाकू विमानों को लाया गया है. यह मिग-29के लड़ाकू विमान, कामोव-31 हेलीकॉप्टर और एमएच-60आर बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर का संचालन करने के लिए तैयार है.
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‘विक्रांत' की आपूर्ति के साथ भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास स्वदेशी विमान वाहक पोत को डिजाइन करने समेत इसके निर्माण की क्षमता है. भारतीय नौसेना की शाखा नवल डिजाइन निदेशालय (डीएनडी) द्वारा डिजाइन किये गये इस विमान वाहक पोत का निर्माण सर्वाजनिक क्षेत्र की कंपनी सीएसएल ने किया.
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