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This Article is From Nov 03, 2023

महुआ मोइत्रा घूसकांड मामला : अब किसी गवाह की पेशी नहीं, अगले हफ़्ते हो सकती है एथिक्स कमिटी की बैठक- सूत्र

महुआ मोइत्रा ने कहा कि पैसे लेकर सवाल पूछने से संबंधित आरोपों को लेकर लोकसभा की आचार समिति के समक्ष पेशी के दौरान उन्हें अपमानजनक सवालों का सामना करना पड़ा.

महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से लोकसभा सांसद हैं.

नई दिल्‍ली:

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) से "पैसे लेकर सवाल पूछने" (Cash For Query Row) के मामले में लोकसभा एथिक्‍स कमिटी ( Ethics Committee) की बैठक जल्‍द होगी. महुआ मोइत्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि पैसे लेकर सवाल पूछने से संबंधित आरोपों को लेकर लोकसभा की आचार समिति के समक्ष पेशी के दौरान उन्हें अपमानजनक सवालों का सामना करना पड़ा. सूत्रों की मानें तो एथिक्स कमिटी की बैठक अगले हफ़्ते हो सकती है. बैठक में रिपोर्ट पर मुहर लगेगी. साथ ही बताया जा रहा है कि अब किसी और गवाह को कमिटी नहीं बुलाएगी. 

एथिक्स कमेटी के सदस्य राजदीप रॉय बोले- महुआ का हंगामा प्रायोजित
बीजेपी सांसद और एथिक्स कमेटी के सदस्य राजदीप रॉय ने NDTV को इस मामले में जानकारी दी. उन्होंने कहा, "कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने महुआ मोइत्रा को तीन विकल्प दिए थे. ये विकल्प जय अनंत देहाद्रई को भी पेशी के दौरान दिए गए थे. उन्हें सवालों का जवाब नहीं देने और लिखित जवाब देने का विकल्प दिया गया था. लेकिन महुआ मोइत्रा ने हंगामा करना चुना. ये सब पहले से प्रायोजित था."

राजदीप रॉय ने NDTV को बताया, "यहां द्रौपदी के चीरहरण का सवाल कहां से आता है? द्रौपदी की बात तो सुनी तक नहीं गई थी... जबकि महुआ मोइत्रा को दो घंटे तक बिना रोक टोक बोलने का मौका मिला. सभी विपक्षी सांसद हंगामा करने का प्लान बनाकर आए थे." उन्होंने कहा, "महुआ मोइत्रा ही नहीं, किसी भी गवाह को अब नहीं बुलाया जाएगा. अब रिपोर्ट मंजूर करने के लिए ही बैठक होगी."

आचार समिति की बैठक में अभद्र व्यवहार का आरोप
सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पैसे लेकर सवाल पूछने से संबंधित आरोपों को लेकर आचार समिति के समक्ष पेशी के दौरान उनके साथ 'अनैतिक, अशोभनीय, पूर्वाग्रहपूर्ण' व्यवहार किया गया. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर ने मामले से संबंधित सवाल पूछने के बजाय, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक तरीके से उनसे सवाल करके पूर्वनिर्धारित पूर्वाग्रह प्रकट किया. हालांकि, विनोद कुमार सोनकर ने बाद में कहा कि समिति को मामले की व्यापक जांच करने का काम सौंपा गया था और सहयोग करने के बजाय, मोइत्रा क्रोधित हो गईं, उन्होंने “आपत्तिजनक शब्दों” का इस्तेमाल किया और उनके खिलाफ अनैतिक दावे किए. 

"दुनिया की कोई ताकत मोइत्रा को नहीं बचा सकती"
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि वकील जय अनंत देहाद्राई, कारोबारी दर्शन हीरानंदानी, आईटी मंत्रालय, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ ही उनके द्वारा सौंपे गए सबूतों को देखते हुए कहा जा सकता है कि 'दुनिया की कोई ताकत' मोइत्रा को नहीं बचा सकती. दुबे की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कुछ घंटे पहले आचार समिति के विपक्षी सदस्य मोइत्रा के साथ बैठक से बाहर चले गए और समिति के अध्यक्ष पर तृणमूल नेता से व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया. भाजपा सांसद ने दावा किया कि संसदीय समिति ऐसा निर्णय लेगी कि भविष्य में कोई भी सांसद इस तरह की गतिविधि में शामिल नहीं हो सके.

महुआ मोइत्रा पर लगे हैं गंभीर आरोप 
मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में सवाल पूछने का आरोप है. मोइत्रा के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शिकायत दर्ज कराई थी. दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे. उन्होंने शिकायत में कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अदाणी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं, जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता. दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ने आचार समिति के पास भेज दिया था.

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