केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Union Minister Narayan Rane) के मामले में महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक (Nasik) के पुलिस कमिशनर दीपक पांडेय (Deepak Pandey) ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री राणे ने लिखित आश्वासन दिया था कि वह दोबारा ऐसा कोई बयान नहीं देंगे, जिससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है. उन्होंने बताया कि मंत्री ने अपने लिखित स्पष्टीकरण में कहा था कि वह दोबारा इस तरह का कोई कृत्य नहीं करेंगे.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि हमारी टीम कल रत्नागिरी पहुंच चुकी थी लेकिन नारायण राणे ने लिखित आश्वासन दिया था, इसलिए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया. हालांकि, नासिक पुलिस ने नारायण राणे को नोटिस जारी कर 2 सितंबर की हाजिर होने को कहा है. राणे ने पुलिस की इस नोटिस को स्वीकार कर लिया है.
केंद्रीय मंत्री अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द कराने के लिए आज बॉम्बे हाईकोर्ट में एक आवेदन दायर करेंगे. इससे पहले कुछ औपचारिकताओं के लिए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के मुंबई आवास पर आज वकीलों का एक दल पहुंचा. मुंबई पुलिस ने सियासी हलचल को देखते हुए राणे के आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी है.
बता दें कि मंगलवार की दोपहर नारायण राणे को रायगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में उन्हें रायगढ़ की महाड अदालत ने 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. नारायण राणे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ऊपर आपत्तिजनक टिप्पणी (सीएम उद्धव को थप्पड़ मारने) का आरोप हैं. राणे बीजेपी के नेता हैं. जुलाई में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे. 20 वर्षों में गिरफ्तार होने वाले वह पहले केंद्रीय मंत्री बन गए हैं. उनके खिलाफ नासिक, रायगढ़, पुणे और थाणे में भी FIR दर्ज कराई गई है.
वीडियो- केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मिली जमानत, केस रद्द करने के लिए जाएंगे हाईकोर्ट
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