महाराष्ट्र के किसान एक बार फिर लांग मार्च निकालने को तैयार हैं और उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जा रही है. अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले यह लांग मार्च नासिक से मुंबई तक होना है. फिलहाल किसान नासिक के मुंबई नाका बस स्टाप पर एकत्रित हैं. आयोजकों का दावा है कि 50 हजार से ज्यादा किसान इस मार्च में हिस्सा ले रहे हैं.
अखिल भारतीय किसान सभा के नेता अशोक ढवले ने बताया कि यह मार्च राज्य सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में हैं. उन्होंने राज्य सरकार पर किसानों के लांग मार्च को फेल करने के लिए उनके नेताओं और सदस्यों को गलत तरीके से रोकने का आरोप लगाया.
अखिल भारतीय किसान सभा महाराष्ट्र के महासचिव डॉ अजित नवले ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार उन पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर मोर्चे में शामिल होने से रोकना चाहती है इसलिए पिछले कुछ दिनों से उन्हें भूमिगत होना पड़ा है ताकि मोर्चे में शामिल हो सकें.
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डॉ ढवले ने यह भी बताया कि नासिक शहर पुलिस ने वहां प्रदर्शन की इजाजत तो दी है लेकिन मुंबई के लिए लांग मार्च की इजाजत यह कहकर नहीं दी कि यह उनके अधिकार में नहीं आता. डॉ ढवले ने कहा कि यह सब किसानों के मोर्चे को रोकने के लिए किया जा रहा है.
लांग मार्च में शामिल होने जा रहे सैकड़ों किसानों को कसारा घाट के पहले ही रोक दिया गया है. उनका कहना है कि दोपहर 12 बजे से ही उन्हें रोककर रखा गया है. यह उनकी आवाज दबाने की कोशिश है. दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि हमने रोका नहीं है सिर्फ नाम पता जानने के लिए कुछ देर के लिए रोका है. सभी को जाने दिया जाएगा.
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राज्य के जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन नासिक आए हैं. वे किसान नेताओ से बात करके बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर सकते हैं.
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