महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक सरकारी अस्पताल में 48 घंटों के अंदर 31 मरीजों की मौत हो गई है. सोमवार को इस अस्पताल में 12 नवजातों समेत 24 मरीजों की मौत हो गई थी. इतनी संख्या में मरीजों की मौतों को लेकर विपक्ष सत्ताधारी गठबंधन बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार) गुट पर हमलावर है. इस बीच एनसीपी नेता और सांसद जयंत पाटिल अस्पताल का दौरा करने पहुंचे. उन्होंने अस्पताल में सुविधाओं का जायजा लिया. इस दौरान गंदा टॉयलेट देखकर भड़ गए. गुस्साए सांसद हेमंत पाटिल ने अस्पताल के डीन श्यामराव वाकोडे को बुलाया और उसने टॉयलेट साफ करवाया. नांदेड़ से पहले ठाणे के एक अस्पताल में भी एक ही दिन में 18 मरीजों की मौत हो गई थी.
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, नांदेड़ के अस्पताल में दवाओं की कमी के कारण 48 घंटे में 31 मरीजों की मौत हुई है. 71 मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है. मौतों के लिए साफ सफाई को भी एक कारण बताया जा रहा है. एनसीपी सांसद हेमंत पाटिल ने विष्णुपुरी स्थित अस्पताल का दौरा किया और विभिन्न विभागों में जाकर प्रत्यक्ष निरीक्षण किया. इस बीच कई वार्डों में टॉयलेट बंद मिले. कई जगहों पर देखा गया कि टॉयलेट में रखे सामानों को नष्ट कर दिया गया. इससे गुस्साए पाटिल ने पानी का पाइप हाथ में ले लिया. उन्होंने अस्पताल के डीन श्यामराव वाकोडे को खरीखोटी सुनाई. फिर उनसे बाथरूम साफ कराया. उन्होंने डीन के ऑफिस के रजिस्टर की भी जांच की.
कई नेताओं ने उठाए सवाल
एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के अलावा कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, जीतेंद्र अवाद, शिवसेना (UBT) नेता सुषमा अंधारे, आदित्य ठाकरे ने भी हेल्थ सिस्टम को लेकर सवाल उठाए. इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सवाल उठाए हैं.
डीन ने इलाज में लापरवाही के आरोपों को किया खारिज
इससे पहले अस्पताल के डीन वाकोडे ने मौतों के लिए इलाज में लापरवाही के आरोपों को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि दवाओं या डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है. मरीजों की उचित देखभाल की गई, लेकिन उन्होंने इलाज पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
खरगे ने की जांच और दोषियों को सजा देने की मांग
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मामले को लेकर महाराष्ट्र की राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, ''महाराष्ट्र के नांदेड़ के एक सिविल अस्पताल में 12 नवजातों सहित 24 मरीजों की मौत की खबर बेहद दर्दनाक, गंभीर और चिंताजनक है. कहा जा रहा है कि इन मरीजों की मौत दवाओं और इलाज की कमी के कारण हुई. ऐसी ही एक घटना अगस्त 2023 में ठाणे के एक सरकारी अस्पताल में हुई थी, जिसमें 18 मरीजों की जान चली गई थी.'' कांग्रेस प्रमुख ने मौतों की विस्तृत जांच और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है.
वहीं, चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान निदेशक डॉ. दिलीप म्हैसेकर ने कहा कि मौतों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है. जबकि महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ मंगलवार को अस्पताल का दौरा करेंगे.
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