महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकरनारायणन ने सरकार द्वारा अपना स्थानांतरण मिजोरम किए जाने के कुछ घंटे बाद आज पद से इस्तीफा दे दिया। शंकरनारायणन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैंने आज अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया। मेरे लिए मिजोरम जाना संभव नहीं है।'
केरल के 82 वर्षीय वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा, 'मैं सक्रिय राजनीति में लौटूंगा।' वह यूपीए के शासन में नियुक्त किए गए उन राज्यपालों में हैं, जिन्हें नई भाजपा सरकार ने कथित तौर पर इस्तीफा देने को कहा था, लेकिन शंकरनारायणन ने इस्तीफा देने से मना कर दिया था। उनका कार्यकाल 2017 में समाप्त होता।
शंकरनारायणन ने कहा कि अनेक राज्यों में राज्यपाल के तौर पर रहते हुए उन्होंने कभी राजनीति नहीं की। उन्होंने कहा, 'मैं सभी राजनीतिक दलों से मित्रवत रहा और भाजपा, शिवसेना के साथ भी मेरा दोस्ताना व्यवहार था, क्योंकि मुझे राजनीति नहीं करनी थी और मैं राज्यपाल हूं।'
शंकरनारायणन ने कहा कि राष्ट्रपति राज्यपालों को नियुक्त करते हैं और उन्हें राज्यपालों का स्थानांतरण करने का अधिकार है।
शंकरनारायणन ने कहा, 'मेरा मानना है कि मुझे राज्यपालों के मैग्नाकार्टा- संविधान का सम्मान करना चाहिए। मुझे इसका पालन करना है, मैंने किया।' उन्होंने अपने कार्यकाल में महाराष्ट्र की जनता से मिले सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
जब उनसे पूछा गया कि क्या (केंद्र का यह) कदम राजनीतिक बदले की भावना का हिस्सा है, उन्होंने कहा, 'इस बारे में कुछ कहना आप लोगों पर निर्भर करता है। प्रेस के हमारे लोग बड़े चतुर, समर्थ और तेज हैं।'
शंकरनारायणन ने कहा, 'मैंने वाकई संविधान का समर्थन किया। हम भविष्य में भी राज्यपालों की प्रतिष्ठा एवं दर्जा चाहते हैं।' उन्होंने कहा, 'लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भी सरकार स्थायी नहीं है... कोई भी पद स्थायी नहीं है, वह बदलेगा। लोकतंत्र किसी भी चीज से बड़ा है, हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में एक हैं।'
शंकरनारायणन उन पहले राज्यपालों में हैं, जिन्हें गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने केंद्र में सरकार बदलने के बाद टेलीफोन कर इस्तीफा देने के लिए कहा था। जब उन्होंने इस्तीफा देने से मना कर दिया तब सरकार ने उनका मिजोरम तबादला कर दिया।
राष्ट्रपति भवन से कल रात जारी विज्ञप्ति के अनुसार शंकरनारायणन का मिजोरम तबादला कर दिया गया है और गुजरात के राज्यपाल ओ पी कोहली को उनकी जिम्मेदारी संभालने को कहा गया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता शंकरनारायणन 22 जनवरी, 2010 से महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। उन्हें 7 मई, 2012 को राष्ट्रपति ने दूसरे कार्यकाल के लिए महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया था।
वहीं शंकरनारायणन के इस्तीफा के बाद गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली को महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। हालांकि ओपी कोहली के पदग्रहण समारोह के वक्त ना तो वहां राज्य के मुख्यमंत्री मौजूद थे और ना ही कोई मंत्री वहां नजर आया।
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