मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering) में मुश्किलों का सामना कर रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की हिरासत आज खत्म हो रही है. पिछली बार ED ने सचिन वझे के साथ आमने सामने पूछताछ के लिए हिरासत बढ़ाकर मांगी थी, लेकिन सचिन वझे अब भी मुम्बई क्राइम ब्रांच की कस्टडी में है इसलिए आमने-सामने पूछताछ नहीं हो पायी है. वैसे, सीबीआई उनकी हिरासत की मांग करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है. सीबीआई उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले के अलावा पुलिस अधिकारी के विवादास्पद तबादले के मामले में भी उनकी जांच करेगी. काफी मुश्किल से महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले से जुड़ी फाइलें सीबीआई को सौंप दी थीं.
सीबीआई ने आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला का बयान दर्ज किया है, जिन्होंने गोपनीय रिपोर्ट तैयार की और तत्कालीन डीजीपी महाराष्ट्र को सौंपी. बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने का आदेश देने के बाद, सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक औपचारिक मामला दर्ज किया था.
बता दें कि ईडी ने भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों पर 21 अप्रैल को राकांपा नेता के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी के बाद देशमुख और उनके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की थी. ईडी ने पहले देशमुख के निजी सचिव के तौर पर काम कर रहे अतिरिक्त जिलाधीश पद के अधिकारी संजीव पलांदे और देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया था.
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