नासिक से मुंबई आ रहे भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के किसानों का मोर्चा सरकार से मीटिंग के बाद अब ठाणे जिले में वासिंद में रुका हुआ है. इस बीच मोर्चे में शामिल 58 साल के एक किसान पुण्डलिक अंबो जाधव की कल रात मौत हो गई. मोर्चे के संयोजक और अखिल भारतीय किसान सभा (AKIS) के नेता अजीत नवले के मुताबिक पुण्डलिक शुरू से मोर्चे में शामिल थे. मोर्चे में लगातार चलने से उनकी तबीयत खराब हो गई थी.
किसानों की यह है परेशानी
इस बीच कृषि मंत्री दादा भूसे ने मीडिया को बताया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किसान पुण्डलिक जाधव की मौत पर दुख प्रकट करते हुए उनके परिवार को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की है. वहीं विभिन्न मांगों के लिए बनी मंत्रियों और मोर्चे में शामिल नेताओं की सूची में अजीत नवले का नाम नहीं शामिल करने पर भी चर्चा शुरू हो गई है.इस मार्च में किसानों के साथ खेतिहर मज़दूर और कई आदिवासी शामिल हैं. इस मोर्चे में प्याज उत्पादक किसान भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं. नासिक के चांदवड़ तालुका के सुरेश बनकर ने पांच एकड़ में तीन लाख रुपये खर्च किए, मिले केवल डेढ़ लाख. उनकी तरह दूसरे भी किसान हैं जो नुकसान झेलते हुए अपनी फसल बेच रहे हैं. यह सभी सरकार के 300 रुपये के अनुदान से असंतुष्ट हैं.सुरेश बानकर ने कहा, ''तीन लाख रुपये खर्च करके भी डेढ़ लाख मिला. मैंने बैंक से ढाई लाख का कर्ज लिया था, अब मुझे किसी और से 50 हजार रुपये लेकर बैंक में देना पड़ा. अगर कर्ज समय पर नहीं भरता तो बैंक वाले बाद में कर्ज नहीं देते.''
ऐसे हुई मौत
उधर, महाराष्ट्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि नासिक में डिंडोरी के पास एक गांव के निवासी पुण्डलिक अंबो जाधव को बेचैनी की शिकायत के बाद शुक्रवार दोपहर शाहपुर के एक अस्पताल ले जाया गया था. अधिकारी ने कहा कि बेहतर महसूस करने के बाद जाधव उस स्थान पर लौट आए थे, जहां प्रदर्शनकारी डेरा डाले हुए हैं. अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार रात करीब आठ बजे भोजन करने के बाद जाधव को उल्टी हुई और फिर बेचैनी होने लगी. उन्हें शाहपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वासिंद थाने के प्रभारी ने कहा कि आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है और जाधव के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.
एकनाथ शिंदे ने यह कहा...
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान सदन को सूचित किया था कि उन्होंने एक किसान प्रतिनिधिमंडल से 14 सूत्रीय मांग पर चर्चा की है, जिनमें वन पर अधिकार, वन भूमि पर अतिक्रमण, मंदिर न्यासों और चारागाह की जमीन किसानों को हस्तांतरित करने की मांग शामिल है. किसानों से विरोध-प्रदर्शन रोकने की अपील करते हुए शिंदे ने कहा कि लिए गए फैसलों को तत्काल लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश और कम कीमत की वजह से नुकसान का सामना कर रहे प्याज उत्पादकों को प्रति कुंतल 350 रुपये की दर से वित्तीय राहत दी जाएगी.
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