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This Article is From Sep 01, 2020

अनलॉकिंग कोरोना का अंत नहीं, महाराष्ट्र के पांच जिलों में एक माह में 500 प्रतिशत तक बढ़ा संक्रमण

Maharashtra Coronavirus Cases: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के ग्राफ में सबसे ऊपर महाराष्ट्र, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा- लोगों में डर और हॉस्पिटल, दवा, टेस्टिंग व ऑक्सीजन की कमी से समस्या

अनलॉकिंग कोरोना का अंत नहीं, महाराष्ट्र के पांच जिलों में एक माह में 500 प्रतिशत तक बढ़ा संक्रमण
प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:

Maharashtra Coronavirus Update: कोरोना वायरस के देशभर के मामलों में से कुल 21% मामले महाराष्ट्र राज्य में हैं. आख़िर क्यों यह राज्य संक्रमण में सबसे ऊपर बना हुआ है? अनलॉक 4 (Unlock 4) में कई तरह की छूटें दी गईं. इसके साथ इस राज्य के पांच जिलों में एक महीने में संक्रमण क़रीब 500 प्रतिशत बढ़ा है. बीड, सांगली, उस्मानाबाद, कोल्हापुर और नागपुर वे जिले हैं जहां अनलॉक 4 के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण बहुत तेजी आ गई है.  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन-महाराष्ट्र ने इसके कई कारण गिनाए हैं.

बाढ़ से बदहाल महाराष्ट्र कोरोना वायरस के ग्राफ़ में कुल 780689 मामलों के साथ देश में सबसे ऊपर बना हुआ है. यानी देश के कुल 21 फीसदी मामले इस प्रदेश में हैं. राज्य में मुंबई, ठाणे, पुणे जैसे शहर तो कोरोना हॉटस्पॉट रहे ही लेकिन अब पांच जिले चिंता बढ़ा रहे हैं, जहां संक्रमण के मामलों में क़रीब 500 प्रतिशत की तेजी दिख रही है.

बीड में पिछले 31 दिनों में मामले 757 से 4716 हो गए. यानी 600 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. उस्मानाबाद में एक अगस्त को 971 मामले थे जो 31 अगस्त तक बढ़कर 5780 तक पहुंच चुके हैं. नागपुर में एक महीने में मामले 4835 से बढ़कर 27241 हो चुके हैं. यानी करीब 500 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं सांगली और कोल्हापुर में भी करीब साढ़े चार सौ से 500 प्रतिशत तक संक्रमण में तेज़ी आई है.

आईएमए-महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ अविनाश भोंडवे कहते हैं कि ‘इन सभी ज़िलों में सरकारी अस्पतालों की जो तादाद है वो बहुत ही कम है. पहले से ही सरकार ने इन ग्रामीण इलाक़ों पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया है. रूरल के अलावा, प्राइवेट भी ज़्यादा नहीं हैं. एक और ज़रूरी बात है कि इन इलाक़ों में टेस्टिंग फ़ेसिलिटी भी ज़्यादा नहीं है. इन इलाकों में इफेक्टिव मेडिसिन जैसे कि रेमडेसिविर और टोसिलिज़ूमाब की भी बहुत कमी है.'

बीड जिले में 124 मरीजों की मौत हो चुकी है. डिस्ट्रिक्ट हेल्थ ऑफिसर अनलॉकिंग को भी एक बड़ी वजह मानते हैं. बीड के डीएचओ डॉ राधाकिशन पवार ने कहा कि ‘साढ़े चार हज़ार से ज़्यादा मामले हैं बीड में. 80 प्रतिशत मामले जुलाई-अगस्त में आए. अनलॉक हुआ, लोगों का मूवमेंट बढ़ा. हम तेज़ी से ऐंटीजेन टेस्टिंग कर रहे हैं. उसमें 1000 से ज़्यादा केस आए. सभी को कोविड अस्पतालों में भर्ती कर रहे हैं.'

ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे डॉक्टर मानते हैं कि लोगों में डर, हॉस्पिटल, टेस्टिंग, ज़रूरी दवाओं और ऑक्सीजन की कमी जैसे पांच मुख्य कारण हैं जिनकी वजह से छोटे ज़िले, कोविड की बड़ी मार झेल रहे हैं.

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