महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों घटा नाटकीय घटनाक्रम पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि कुछ लोग गुगली और क्लीन बोल्ड के बारे में बात कर रहे थे लेकिन सभी ने देखा कि कौन क्लीन बोल्ड हुआ है और उन्होंने कहा कि यह हिट विकेट है. एकनाथ शिंदे ने कहा, "यह कोई नई सरकार नहीं है, पीएम मोदी के नेतृत्व में शिवसेना और बीजेपी सरकार काम कर रही थी. विकास कार्य चल रहा था और अजित पवार जो विकास कार्यों में विश्वास करते थे, उन्होंने समर्थन दिया और सरकार में शामिल हुए."
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "मैं उनका और उनके विधायकों का तहे दिल से स्वागत करता हूं. उनके पास बहुत सारे सांसद और विधायक हैं जो निश्चित रूप से महाराष्ट्र के विकास में मदद करेंगे. यह डबल इंजन सरकार अब बुलेट ट्रेन की गति से चलेगी. एमवीए सरकार टूट गई है... कुछ लोग गुगली और क्लीन बोल्ड के बारे में बात कर रहे थे, लेकिन आज सभी ने देखा कि कौन क्लीन बोल्ड हुआ...यह हिट विकेट है.” राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार और आठ पार्टी नेता महाराष्ट्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में शामिल हो गए. अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
अजित पवार ने महाराष्ट्र में एनडीए सरकार में शामिल होने के अपनी पार्टी के फैसले को सही ठहराया और इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने प्रगति की है. उन्होंने बताया कि यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि वे भारतीय जनता पार्टी के साथ आगामी चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं. उन्होंने कहा, "देश पीएम मोदी के नेतृत्व में प्रगति कर रहा है, वह अन्य देशों में भी लोकप्रिय हैं. हर कोई उनका समर्थन करता है और उनके नेतृत्व की सराहना करता है. हम आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव उनके (भाजपा) साथ लड़ेंगे, यही वजह है कि हमने यह निर्णय लिया."
अजित पवार, छगन भुजबल, दिलीप वालसे पाटिल, अदिति तटकरे, धनंजय मुंडे, हसन मुश्रीफ, रामराजे निंबालकर, संजय बनसोडे और अनिल भाईदास पाटिल ने मुंबई राजभवन में शपथ ली. अजित पवार और कुछ अन्य राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के कुछ घंटों बाद, पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा, "यह 'गुगली' नहीं है, यह एक डकैती है" और वह पार्टी छोड़ने वालों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के खिलाफ भी कार्रवाई का संकेत देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया.
शरद पवार ने कहा कि जो लोग शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हुए उनमें से कुछ ईडी मामलों का सामना कर रहे हैं. अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. आठ अन्य एनसीपी नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. शरद पवार ने कहा, "यह 'गुगली' नहीं है, यह डकैती है. यह छोटी बात नहीं है." "मेरे कुछ सहयोगियों ने अलग रुख अपनाया है. मैंने 6 जुलाई को सभी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी, जहां कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी और पार्टी के भीतर कुछ बदलाव किए जाने थे, लेकिन उस बैठक से पहले ही कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया है.''
शरद पवार ने कहा कि अगले दो-तीन दिनों में वे कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के साथ बैठकर स्थिति का आकलन करेंगे. "हमारी मुख्य ताकत आम लोग हैं, उन्होंने हमें चुना है." कथित सिंचाई घोटाले से संबंधित आरोपों का सामना करने वाले अजित पवार का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए, शरद पवार ने भाजपा और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "यह स्पष्ट है कि सभी आरोप बरी हो गए हैं."
शरद पवार ने कहा कि उन्होंने पहले भी ऐसे मसलों से निपटा है और पार्टी का कायाकल्प किया है. उन्होंने कहा, "यह कोई नई बात नहीं है. 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे, बाद में सभी चले गए और केवल 6 विधायक बचे, लेकिन मैंने संख्या बल मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा, वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए." महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित अन्य विपक्षी नेताओं से फोन आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बागी नेताओं के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के बारे में निर्णय लेने के लिए वरिष्ठ नेता बैठेंगे. "हम पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए काम करेंगे. बागी नेताओं के खिलाफ किसी भी कार्रवाई के बारे में फैसला करने के लिए विधायक और सभी वरिष्ठ नेता एक साथ बैठेंगे. अध्यक्ष होने के नाते, मैंने प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को नियुक्त किया था, लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया. इसलिए, मुझे उनके खिलाफ कुछ कार्रवाई करनी होगी.''
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "मैं कभी नहीं कहूंगा कि मेरा घर बंट गया है, यह मुद्दा मेरे घर का नहीं है, यह लोगों का मुद्दा है. जो लोग चले गए उनके भविष्य को लेकर मैं चिंतित हूं. मैं इसका श्रेय पीएम मोदी को देना चाहता हूं. दो दिन पहले उन्होंने बयान दिया था और उस बयान के बाद कुछ लोग असहज महसूस करने लगे थे, उनमें से कुछ को ईडी की कार्रवाई का सामना भी करना पड़ रहा था.'' सोमवार को एनसीपी सुप्रीमो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री वाईबी चव्हाण के गृहनगर कराड में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे.
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