महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Cabinet Expansion) में एनसीपी के विधायकों के शामिल होने के बाद सरकार की मुसीबतें कम होने के बजाय बढ़ती नजर आ रही हैं. एनसीपी से बनाए गए मंत्रियों को अब तक मंत्रालय नहीं दिया गया है तो वहीं मंत्रिमंडल विस्तार में भी विभागों के बंटवारे को लेकर तीनों पार्टियों के बीच तनाव जारी है. मंगलवार रात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने मुलाकात की. पिछले एक हफ्ते में यह चौथी बार है, जब तीनों नेताओं के बीच देर रात मुलाकात हुई है. अजित पवार के साथ एनसीपी के 9 विधायकों को मंत्री बनाए जाने के बावजूद उन्हें अब तक कोई मंत्रालय नहीं दिया गया, जबकि शिवसेना में भरत गोगावले जैसे कई हैं, जो मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इन्हें मंत्री बनाए जाने का आश्वासन दिया है.
विधायक भरत गोगावले ने बताया कि पहले 9 मंत्रियों में मेरा नाम था, लेकिन मैं कुछ कारणों के वजह से रुक गया था. अभी कोई कारण नहीं है, अब जब मंत्रिमंडल विस्तार होगा, मेरा नंबर लग जाएगा.
अजित पवार जहां अपने विधायकों के लिए बड़े मंत्रालय की मांग कर रहे हैं तो वहीं बीजेपी और शिवसेना मजबूत मंत्रालयों को अपने पास रखना चाहते हैं. शिवसेना में बगावत करते समय खुद एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाए थे कि अजीत पवार वित्त मंत्री होते हुए शिवसेना के विधायकों के फंड पास नहीं करते थे.
निर्दलीय विधायक बच्चू कडू की मानें तो सभी विधायकों की इच्छा है कि अजित पवार के पास वित्त मंत्रालय नहीं दिया जाना चाहिए, पिछली बार जो उन्होंने कारनामा किया था, उसे देखते हुए विधायकों में डर है.
वहीं मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी को लेकर अब विपक्ष आक्रामक है. कांग्रेस के विधायक बालासाहेब थोरात ने कहा कि खोखे और आश्वासन देकर विधायकों को साथ में लाया गया है. मंत्रीपद सीमित है, सभी वादों को यह पूरा नहीं कर पाएंगे. विभागों को लेकर भी झगड़ा चल रहा है.
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