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फरहान अख्तर की फिल्म 120 बहादुर के नाम पर बवाल क्यों? गुरुग्राम हुई महापंचायत

अहीर रेजीमेंट के संयोजक अरुण यादव ने बताया कि '120 बहादुर' शीर्षक न केवल 114 वीर शहीदों का अपमान है, बल्कि यह इतिहास से भी छेड़छाड़ है. महापंचायत में बड़ी संख्या में यदुवंशी समाज के लोग मौजूद थे, जिन्होंने निर्माताओं के इस कदम पर गहरी नाराजगी जताई.

फरहान अख्तर की फिल्म 120 बहादुर के नाम पर बवाल क्यों? गुरुग्राम हुई महापंचायत
  • अहीर समाज ने फरहान अख्तर की फिल्म 120 बहादुर के शीर्षक को अपने वीर शहीदों का अपमान बताया है.
  • गुरुग्राम में यदुवंशी समाज की महापंचायत में फिल्म के विरोध और शीर्षक बदने की मांग की.
  • समाज का कहना है कि फिल्म का शीर्षक 120 वीर अहीर होना चाहिए, जो शहीदों की वास्तविक संख्या को दर्शाए.
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गुरुग्राम:

फरहान अख्तर की आगामी फिल्म '120 बहादुर' पर अहीर समाज ने कड़ा विरोध जताया है. समाज की मांग है कि फिल्म का शीर्षक उनके वीर शहीदों का अपमान है और इसे बदला जाना चाहिए. इसी विरोध के चलते गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा स्थित अहीर रेजीमेंट धरना स्थल पर यदुवंशी समाज की एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया.

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इस महापंचायत का मुख्य उद्देश्य निर्देशक रजनीश घई और निर्माता फरहान अख्तर द्वारा बनाई जा रही इस फिल्म का विरोध दर्ज कराना था. अहीर समाज का कहना है कि 1962 के भारत-चीन युद्ध में रेजांगला की ऐतिहासिक लड़ाई में 13 कुमाऊं बटालियन के 114 अहीर सैनिकों ने अद्वितीय शौर्य का प्रदर्शन किया था, जिसके बाद उन्हें सरकार ने 'वीर अहीर' की उपाधि दी थी. इसलिए, फिल्म का शीर्षक '120 वीर अहीर' होना चाहिए, न कि '120 बहादुर'.

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अहीर रेजीमेंट के संयोजक अरुण यादव ने बताया कि '120 बहादुर' शीर्षक न केवल 114 वीर शहीदों का अपमान है, बल्कि यह इतिहास से भी छेड़छाड़ है. महापंचायत में बड़ी संख्या में यदुवंशी समाज के लोग मौजूद थे, जिन्होंने निर्माताओं के इस कदम पर गहरी नाराजगी जताई.

समाज ने रखी ये प्रमुख मांगें:

  • फिल्म का शीर्षक बदलकर '120 वीर अहीर' किया जाए. 
  • 21 नवंबर 2025 को फिल्म की रिलीज से पहले, इसे शहीदों के परिवारों और समाज के प्रतिनिधियों को दिखाया जाए.
  • हाल ही में जारी किए गए टीजर में अहीर सैनिकों की सामूहिक वीरता को कम करके केवल एक व्यक्ति की बहादुरी को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है, जो स्वीकार्य नहीं है.

महापंचायत में कई राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भी हिस्सा लिया और अहीर समाज को अपना समर्थन दिया. समाज ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा और फिल्म का बहिष्कार किया जाएगा. उनका संकल्प है कि रेजांगला के शहीद अहीर वीरों की गाथा को इतिहास के अनुरूप ही प्रस्तुत किया जाना चाहिए.

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