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1 day ago
नई दिल्ली:

आज महालया का दिन है, माना जाता है कि नवरात्रि की शुरुआत महालया के दिन से ही हो जाती है और समापन विजयादशमी के दिन होता है. महालया के दिन पवित्र मंत्र उच्चारण से मां दुर्गा को निमंत्रण दिया जाता है. महालया अमावस्या के अगले दिन यानी प्रतिपदा पर शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है. शारदीय नवरात्रि की दुर्गा पूजा में महालया का विशेष स्थान होता है. महालया के दिन से ही दुर्गा पूजा का प्रारंभ होता है. पश्चिम बंगाल में महालया बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण आज लगने जा रहा है. यह खगोलीय दृष्टि से यह एक अद्भुत घटना है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं में सूर्य ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता. 

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सूर्य ग्रहण का किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव?

ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य ग्रहण का प्रभाव विभिन्न राशियों पर अलग-अलग पड़ता है. इस ग्रहण का प्रभाव विशेष रूप से सिंह, कन्या और मीन राशियों पर पड़ सकता है, जिनके लिए स्वास्थ्य और वित्तीय मामलों में सतर्क रहना आवश्यक है. अन्य राशियों के जातकों को भी ग्रहण के दौरान अनावश्यक कार्यों से बचना चाहिए. सूर्य ग्रहण के तीन प्रकार होते हैं. पहला है पूर्ण सूर्य ग्रहण, जिसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक देता है और दिन के समय कुछ समय के लिए अंधेरा छा जाता है. दूसरा है आंशिक सूर्य ग्रहण, जिसमें चंद्रमा केवल सूर्य के कुछ हिस्से को ढकता है। तीसरा है वृत्ताकार सूर्य ग्रहण, जिसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढकने में छोटा रह जाता है और सूर्य के किनारों पर चमक दिखाई देती है.

ग्रहण के दिन क्यों नहीं खरीदनी चाहिए नई चीजें

भारतीय धर्मशास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लगता है, जिसके दौरान शुभ कार्य, यात्रा और नई चीजों की खरीदारी टालने की सलाह दी जाती है. लेकिन, इस बार भारत में ग्रहण दिखाई न देने की वजह से सूतक काल लागू नहीं होगा. लेकिन, ग्रहण के प्रभाव को लेकर धार्मिक आस्था और ज्योतिष के अनुसार सावधानी बरतना उचित माना जाता है.

दुर्गा पूजा की तैयारियों में जुटीं काजोल, फैंस को दी 'महालया' की शुभकामनाएं

बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल की लेटेस्ट वेब सीरीज 'द ट्रायल' का दूसरा सीजन रिलीज हो चुका है. लोग इस सीजन को भी पसंद कर रहे हैं. दूसरी तरफ, काजोल दुर्गा पूजा की तैयारियों में जुटी हैं. काजोल ने अपने फैंस को सोशल मीडिया के जरिए महालया के अवसर पर शुभकामनाएं भेजी हैं.

साल 2025 के आखिरी सूर्य ग्रहण पर बन रहा खास योग

साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण आज की रात 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन तड़के 3 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. खास बात यह है कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर के दक्षिणी हिस्सों में देखा जा सकेगा.

महालया पर तर्पण करने के लिए बंगाल के नदी घाटों पर हज़ारों लोग उमड़े

महालया के अवसर पर, जो दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है, हज़ारों लोगों ने हुगली नदी के तट पर अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए तर्पण किया. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हुगली नदी के विभिन्न घाटों पर नदी यातायात पुलिस ने कड़ी निगरानी रखी. 

पश्चिम बंगाल: महालया अमावस्या पर गंगा नदी में पवित्र स्नान और प्रार्थना के लिए उमड़े श्रद्धालु

महालया अमावस्या के अवसर पर, बड़ी संख्या में श्रद्धालु कोलकाता में गंगा स्नान के लिए एकत्रित हुए. उन्होंने इस अमावस्या पर अपने पूर्वजों और दिवंगत परिजनों के लिए प्रार्थना की और इस पवित्र अनुष्ठान को श्रद्धापूर्वक मनाया. 

पूर्वी मेदिनीपुर में महिलाओं ने शंख बजाकर महालया का जश्न मनाया

पश्चिम बंगाल: पूर्वी मेदिनीपुर में महिलाओं ने शंख बजाकर महालया का जश्न मनाया. विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी भी इस जश्न में शामिल हुए.

कहां-कहां दिखाई देगा सूर्यग्रहण

यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध के क्षेत्रों जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और कुछ प्रशांत द्वीपों में दिखाई देगा. चूंकि भारत में ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक नहीं लगेगा, जो आमतौर पर ग्रहण से 12 घंटे पहले लगता है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महालया के शुभ अवसर पर लोगों को बधाई दी

पीएम मोदी ने रविवार को महालया के मौके पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और कामना की कि जैसे-जैसे दुर्गा पूजा के पवित्र दिन नजदीक आ रहे हैं, सभी का जीवन प्रकाश एवं उद्देश्य से भर जाए.

ग्रहण के दौरान भी खुले रहते हैं इन प्रसिद्ध मंदिरों के कपाट

हिंदू धर्म में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है, जिसके चलते इस समय कई धार्मिक और सामाजिक कार्य वर्जित होते हैं. सूतक काल लगते ही सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगाजल से शुद्धिकरण कर पुनः पूजा आरंभ होती है. हालांकि भारत में कुछ ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं, जो ग्रहण काल में भी खुले रहते हैं. इन मंदिरों से जुड़ी मान्यताएं और कथाएं इन्हें और भी विशेष बनाती हैं.

  • मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर ग्रहण काल में भी भक्तों के लिए खुला रहता है
  • राजस्थान के बीकानेर स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर भी ग्रहण काल में खुला रहता है
  • राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी मंदिर भी ग्रहण काल में बंद नहीं होता
  • केरल के कोट्टायम जिले में स्थित थिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर की विशेष मान्यता है
  • दिल्ली का प्रसिद्ध सिद्धपीठ कालकाजी मंदिर ग्रहण काल में भी खुला रहता है
  • देवभूमि उत्तराखंड का कल्पेश्वर तीर्थ भी ग्रहण काल में बंद नहीं होता

महालया का क्या महत्व

सनातन परंपरा में आश्विन मास की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या, पितृ विसर्जन, महालया और महालया अमावस्या के नाम से जाना जाता है. पंचांग के अनुसार महालया पितृपक्ष का आखिरी दिन होता है, जिसमें सभी भूले-बिसरे लोगों का जिनकी तिथि याद न हो उनके लिए श्राद्ध और पितरों की विधि-विधान से विदाई की जाती है. महालया के दिन जहां पितरों को संतुष्ट करके विदा किया जाता है, वहीं इसी दिन देवी दुर्गा की 9 दिनी साधना-आराधना के लिए स्वागत किया जाता है. पश्चिम बंगाल जहां पर दुर्गा पूजा हर साल बड़ी धूम-धाम से मनाई जाती है, वहां पर इस दिन लोगों में काफी उत्साह रहता है. आइए महालया पर्व से जुड़ी खास बातों को विस्तार से जानते हैं. 

सीएम ममता ने महालया से पहले दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन किया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महालय की पूर्व संध्या पर शहर में तीन दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन किया.

सूर्य ग्रहण की क्या है टाइमिंग

सूर्य ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, सूर्य ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य का कुछ या पूरा हिस्सा ढक जाता है. वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण तब होता है, जब राहु और केतु सूर्य को अपना ग्रास बना लेते हैं, जिससे कुछ समय के लिए सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता. आज लग रहा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आंशिक होगा. भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा. मध्यकाल रात 1 बजकर 11 मिनट पर आएगा और समाप्ति सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर होगी.

आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण

आज इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण होगा. इस दिन सर्वपितृ अमावस्या भी है, जो पितृ पक्ष का आखिरी दिन माना जाता है. चूंकि इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से हुई थी और अंत सूर्य ग्रहण से हो रहा है.

आज से महालया का शुभारंभ

आज से महालया का शुभारंभ हो गया है, जो बंगाली संस्कृति में देवी दुर्गा के आगमन का प्रतीक माना जाता है. महालया के दिन चंडी पाठ और मंत्रोच्चार के साथ देवीपक्ष की शुरुआत हो जाती है. इस दिन लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं और मां दुर्गा के स्वागत की तैयारियों में जुट जाते हैं. महालया न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह सांस्कृतिक उत्सवों और सामाजिक एकता का भी संदेश देता है.

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