अग्निपथ योजना (Agnipath scheme) के तहत सेना में भर्ती की आंच अब बीजेपी (BJP) शासित राज्य मध्य प्रदेश तक पहुंच गई है. ग्वालियर (Gwalior) में केंद्र सरकार की इस योजना के विरोध में युवाओं ने जमकर प्रदर्शन (Protest) किया. प्रदर्शनकारी युवाओं ने बिरला नगर रेलवे स्टेशन पर कुर्सियों को तोड़ दिया. स्टेशन प्रबंधक के कमरे में तोड़फोड़ की और रेलवे ट्रैक पर आग लगा दी. इसके बाद एसपी और कलेक्टर मौके पर पहुंचे और युवाओं को समझाने का प्रयास किया. ग्वालियर के एसपी ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अग्निपथ योजना के अंतर्गत सेना में भर्ती योजना का जिले के युवाओं ने उग्र प्रदर्शन कर विरोध किया. शहर के गोला का मंदिर चौराहे में चक्का जाम कर शहर में आवागमन को रोक दिया गया. इसके बाद युवकों ने बिरला नगर रेलवे स्टेशन पर हमला बोल दिया और रेलवे स्टेशन की कुर्सियों को तोड़ा दिया. स्टेशन प्रबंधक के कमरे में तोड़फोड़ की. ट्रैक पर स्लीपर और पेड़ डालकर उनमें आग लगा दिया. रेलवे स्टेशन पर हंगामे के चलते इस रेवले स्टेशन में आने वाली सभी ट्रेनों को पहले ही रोक दिया गया. युवाओं के इस प्रदर्शन के कारण करीब 5 घंटे तक रेलवे यातायात अवरुद्ध रहा.
पुलिस को भनक तक नहीं थी कि ग्वालियर में युवा इतने उग्र हो सकते हैं और सड़क में जाम लगा सकते हैं. इसलिए थोड़ी संख्या में पुलिसकर्मी गोला का मंदिर थाने पहुंचे थे, जबकि उपद्रवियों की संख्या करीब डेढ़ हजार से भी ज्यादा थी. उपद्रवियों ने सड़कों पर जमकर बवाल काटा. गाड़ियों में तोड़फोड़ की लोगों के साथ मारपीट तक की. स्थिति बिगड़ने के बाद कलेक्टर और एसपी मौके पर पहुंची उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में बताया.
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प्रदर्शनकारियों ने लोगों को पीटा, वाहनों के कांच तोड़े
युवाओं की मारपीट में कोयंबटूर निवासी वेंकटेशन घायल भी हो गए हैं. इसके अलावा एक अन्य यात्री राजकुमार को भी काफी चोटें आई हैं. पुलिस ने जैसे-तैसे भीड़ को गोला का मंदिर से हटाया तो उपद्रवी शहर की तरफ बढ़ने लगे. उपद्रवियों ने गांधी नगर में घर के बाहर खड़ी करीब 20 गाड़ियों के कांच तोड़ दिये. खबर है कि हजीरा पर एक बस में आग लगाई गई है. युवाओं ने गोला का मंदिर चौराहे पर हंगामे के दौरान सड़क पर लकड़ियां एवं कागजों को एकत्र कर आग लगा दी.
युवाओं ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी
प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना है कि वह पिछले दो साल से मैदान में पसीना बहा रहे हैं और अब कहा जा रहा है कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती की जाएगी. यह सरासर अन्याय है. ये आंदोलन की केवल शुरुआत है, यदि आदेश में बदलाव नहीं किया गया तो आंदोलन विकराल रूप धारण करेगा. दरअसल ग्वालियर में कुछ साल पूर्व भी सेना भर्ती के दौरान युवा इसी प्रकार से सड़कों पर उतर आए थे. तब हंगामा मेला ग्राउंड से शुरू हुआ था फिर गोला का मंदिर और स्टेशन बजरिया तक पहुंच गया था. इस दौरान गुस्साए युवाओं ने कई वाहनों को आग लगा दी थी.
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