राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत को शनिवार को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सौंपने जा रहे मध्य प्रदेश कांग्रेस (Congress) के नेताओं के एक समूह को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बावजूद कथित तौर पर संघ द्वारा तिरंगे (Tiranga) को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पिक्चर के रूप में प्रदर्शित नहीं करने के विरोध में कांग्रेस के पांच नेताओं का समूह यहां एक मॉल तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था. भागवत शाम को यहां आरएसएस के एक कार्यक्रम को संबोधित करने वाले थे.
पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को मध्य प्रदेश परीक्षा मंडल के कार्यालय के पास शाम करीब साढ़े चार बजे रोक लिया. प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने कहा, ‘‘पुलिस ने सुबह 11 बजे से हमारा पीछा किया. पुलिस हमारे प्रदेश कार्यालय के आसपास मंडराती रही. पुलिस ने हमें बताया कि भागवत को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, इसलिए हमें उनके पास जाने की अनुमति नहीं है. पुलिस ने हमें बीच में ही रोक दिया.''
भागवत को तिरंगा क्यों सौंपना चाहते थे, के सवाल पर शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आजादी के 75 साल पूरे होने पर ‘हर घर तिरंगा' अभियान के तहत लोगों से तिरंगा लगाने की अपील के बावजूद आरएसएस ने राष्ट्रीय ध्वज को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रोफाइल पिक्चर के तौर पर नहीं लगाया. शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वैचारिक संरक्षक आरएसएस ने 52 वर्षों तक नागपुर में अपने मुख्यालय में तिरंगा झंडा नहीं फहराया.
भोपाल जोन के पुलिस उपायुक्त साईं कृष्ण थोटा ने इस मुद्दे पर कहा, ‘‘भागवत को जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है. कोई उनसे (अनौपचारिक रुप से) नहीं मिल सकता. अगर कोई जबरन झंडा देने की घोषणा करता है तो हम उसे ऐसा नहीं करने दे सकते.'' तीन दिन पहले आरएसएस ने तिरंगे के मुद्दे पर आलोचकों को फटकार लगाई थी और उनसे इसका राजनीतिकरण नहीं करने को कहा था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तिरंगे की तस्वीर नहीं लगाने के लिए हो रही आलोचना का बुधवार को जवाब दिया.
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेडकर ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘ऐसी चीजों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. आरएसएस पहले ही ‘हर घर तिरंगा' और ‘आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रमों को समर्थन दे चुका है. संघ ने जुलाई में सरकारी एवं निजी निकायों और संघ से जुड़े संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में लोगों तथा स्वयंसेवकों के पूर्ण समर्थन और भागीदारी की अपील की थी.'' आंबेडकर ने कहा कि इस तरह के मामलों और कार्यक्रमों को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए.
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