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दुकानों में स्वदेशी सामान का होगा अलग कोना, प्रोडक्ट्स पर अलग पहचान चिन्ह?

इस कार्यक्रम में "स्वदेशी" प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान की रूपरेखा तय होगी. इस सम्मेलन के बाद “राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान” पूरे देश के गांव-गांव, कस्बों और शहरों तक चलाया जाएगा.

दुकानों में स्वदेशी सामान का होगा अलग कोना, प्रोडक्ट्स पर अलग पहचान चिन्ह?
नई दिल्ली:

RSS से जुडी संस्था, स्वदेशी जागरण मंच ने व्यापारी संगठनों और रेहड़ी पटरी संगठनों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी आह्वान के बाद देश में "स्वदेशी" प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने के लिए एक "राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान" लांच करने का फैसला किया है.इस राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान का थीम होगा - "स्वदेशी बेचो, स्वदेशी खरीदो".इस अभियान की पहल स्वदेशी जागरण मंच ने की है. स्वदेशी जागरण मंच की अगुआई में 15-16 सितंबर को नागपुर में एक "व्यापारी जुटान" कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमें भाग लेने  जिसमें देशभर से 400 से अधिक व्यापारी नेताओं, हॉकर्स संगठनों, उपभोक्ता मंचों एवं उद्योग प्रतिनिधि पहुंचेंगे.

इस कार्यक्रम में "स्वदेशी" प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान की रूपरेखा तय होगी. इस सम्मेलन के बाद “राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान” पूरे देश के गांव-गांव, कस्बों और शहरों तक चलाया जाएगा. स्वदेशी जागरण मंच के नेता और नागपुर में आयोजित होने वाले "व्यापारी जुटान" कार्यक्रम के संयोजक दीपक शर्मा ने एनडीटीवी से कहा कि 15 और 16 सितंबर, 2025 को नागपुर में होने वाले "व्यापारी जुटान" कार्यक्रम में हम इस प्रस्ताव पर विचार करेंगे की क्या दुकानों में "स्वदेशी" सामानों का एक अलग कार्नर/शेल्फ होना चाहिए. साथ ही, स्वदेशी और विदेशी वस्तुओं/प्रोडक्ट का कोई पहचान चिन्ह क्या उत्पादों (products) पर लगना चाहिए. इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी चर्चा होगी. हम बहुराष्ट्रीय कंपनियों को ऑनलाइन या ऑफलाइन रिटेल व्यापार में अनुमति होनी चाहिए या नहीं - इस सवाल पर भी चर्चा करेंगे.

देशभर में 10 करोड़ से अधिक व्यापारी,रेहड़ी-पटरी वाले और छोटे रिटेल व्यवसायी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 82 लाख करोड़ रुपये के व्यापार से जुड़े हैं. आने वाले 10 वर्षों में यह आंकड़ा 190 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. व्यापारी संगठनों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का टैरिफ वॉर देश के व्यापार को चुनौती दे रहा है. साथ ही, विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन सहित दुनियाभर से माल खरीद कर भारतीय बाजार में सप्लाई कर रही हैं. इसकी वजह से छोटे उद्योग भारत में संकट में हैं, रोज़गार घट रहा है. ऐसे में अब समय आ गया है कि व्यापारी, उपभोक्ता और उद्योगपति सब मिलकर देश में स्वदेशी को बढ़ावा दें. यह अभियान सिर्फ व्यापार का नहीं बल्कि आर्थिक स्वतंत्रता का आंदोलन है.

कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स का महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एनडीटीवी से कहा कि इस राष्ट्रीय अभियान की पहल स्वदेशी जागरण मंच ने की है. 15-16 सितंबर को नागपुर में "व्यापारी जुटान" कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमें हम "स्वदेशी" पर केंद्रित एक राष्ट्रीय अभियान की रूपरेखा तय करेंगे. 22 सितंबर से नवरात्र शुरू हो रहे हैं, उसके बाद दिवाली है. हमारा लक्ष्य है कि यह त्यौहार का सीजन स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री और खरीद का पूरे देश में नया कीर्तिमान स्थापित करे.

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