New Delhi:
सरकार द्वारा मदरसा बोर्ड गठित करने का प्रस्ताव किये जाने की खबरों से इंकार करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने मंगलवार को कहा कि इस तरह के नियामक बोर्ड को कायम करने पर मुस्लिम समुदाय का बहुत कम समर्थन मिलेगा। उन्होंने एक समारोह में कहा, कोई प्रस्ताव नहीं है क्योंकि जब तक समुदाय नहीं चाहेगा, हम क्यों हस्तक्षेप करें..जब तक समुदाय आगे नहीं आता, हम चर्चा नहीं करेंगे। बहरहाल, सिब्बल ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा आयोग से इस बारे में एक प्रस्ताव मिलने के बाद सांसदों के साथ इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया था लेकिन सांसदों ने इसका विरोध किया। सरकार द्वारा इस तरह के किसी बोर्ड का प्रस्ताव नहीं दिये जाने की बात स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि बोर्ड के बारे में सच्चर समिति ने सुझाव दिया था। समिति का मानना था कि मदरसा के कामकाज और आधुनिकीकरण का अधीक्षण एक ऐसे निकाय द्वारा करना चाहिए जिसमें धर्म विशेषज्ञों की बजाय शिक्षाविदों की संख्या अधिक हो। मंत्री ने कहा कि देश में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विशेष कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, जहां कहीं भी अल्पसंख्यकों की आबादी ज्यादा है वहां उच्च शिक्षा के संस्थान कायम करने के लिए हमारे कार्यक्रम हैं। हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जमाते उलेमा ए हिन्द के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल में मानव संसाधन विकास मंत्री से मुलाकात कर भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद की तर्ज पर मदरसा के लिए एक बोर्ड गठित किया जाना चाहिए।