Lunkaransar Election Results 2023: जानें, लंकरणसर (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

लंकरणसर विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 225151 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 72822 ने भाजपा उम्मीदवार सुमित गोदरा को वोट देकर जिताया था, जबकि 61969 वोट पा सके कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र बेनीवाल 10853 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Lunkaransar Election Results 2023: जानें, लंकरणसर (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के उत्तर क्षेत्र में मौजूद है बीकानेर जिला, जहां बसा है लंकरणसर विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 225151 मतदाता थे, और उन्होंने भाजपा उम्मीदवार सुमित गोदरा को 72822 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र बेनीवाल को 61969 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 10853 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में लंकरणसर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार माणिक चंद्र सुराना ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 52532 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार सुमित गोदरा को 47715 वोट मिल पाए थे, और वह 4817 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में लंकरणसर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र बेनीवाल को कुल 47050 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि आईएनएलडी प्रत्याशी लक्ष्मीनारायण दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 23447 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 23603 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.