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UNESCO की 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी'में लखनऊ हुआ शामिल, पाककला विरासत के लिए मिला सम्मान

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि यह सम्मान शहर की समृद्ध पाक परंपराओं, अवधी विरासत और स्थायी एवं अभिनव पाककला को बढ़ावा देने में इसकी बढ़ती भूमिका का प्रतीक है.

UNESCO की 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी'में लखनऊ हुआ शामिल, पाककला विरासत के लिए मिला सम्मान
यूनेस्को की लिस्ट में शामिल हुआ लखनऊ
नई दिल्ली:

नवाबों का शहर कहे जाने वाले लखनऊ के लिए आज का दिन बेहद खास है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे UNESCO ने 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' घोषित किया है. आपको बता दें ये सम्मान उस शहर को मिलता है जो अपने खानपान की परंपरा, सांस्कृतिक विविधता और नवाचार से पूरी दुनिया में जाना जाता है. UNESCO की इस सूची में अब 100 से अधिक देशों के 408 शहर शामिल हैं. UNESCO की माहनिदेशक ऑड्रे अयोले ने कहा कि लखनऊ को इस लिस्ट में पाक कला श्रेणी में मान्यता दी गई है. लखनऊ को मिला ये सम्मान उसकी पाककला विरासत की वैश्विक स्वीकृति को भी दर्शाता है. लखनऊ को इस लिस्ट में शामिल करने की घोषणा उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित UNESCO के 43वें महासम्मेलन में विश्व नगर दिवस के अवसर पर की गई है.

‘यूनाइटेड नेशंस इन इंडिया' ने शुक्रवार को ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि लज़ीज़ गलौटी कबाब से लेकर अवधी बिरयानी, लज़ीज़ चाट और गोलगप्पे, मक्खन मलाई जैसी मिठाइयां और भी बहुत कुछ. उत्तर प्रदेश का लखनऊ सदियों पुरानी परंपराओं से भरपूर खाने-पीने की चीजों की जन्नत है. लखनऊ को अब यूनेस्को द्वारा पाक-कला के रचनात्मक शहर के रूप में मान्यता दी गई है.

लखनऊ को मिले इस सम्मान पर प्रतिक्रिया देते हुए उप्र के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आज देश का गौरव बन चुका है. लखनऊ की यह उपलब्धि उसके समृद्ध खानपान और संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति है. 

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि यह सम्मान शहर की समृद्ध पाक परंपराओं, अवधी विरासत और स्थायी एवं अभिनव पाककला को बढ़ावा देने में इसकी बढ़ती भूमिका का प्रतीक है. उत्तर प्रदेश के लिए यह गौरव का क्षण है, जहां हर स्वाद सदियों पुरानी संस्कृति और रचनात्मकता को दर्शाता है. 

पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने एक बयान में कहा कि लखनऊ का चयन इसकी व्यंजन परंपरा और पाककला धरोहर तथा आतिथ्य परंपराओं को एक नयी अंतरराष्ट्रीय पहचान देगा. उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में लखनऊ में 82.74 लाख पर्यटक आए थे, जबकि 2025 के पहले छह महीनों में ही 70.20 लाख पर्यटक आए. यह रुझान बताता है कि खानपान और संस्कृति, उत्तर प्रदेश में पर्यटन वृद्धि के प्रमुख आधार बन चुके हैं. 

विशेष सचिव, पर्यटन ईशा प्रिया ने कहा कि लखनऊ अब दुनिया के उन चुनिंदा शहरों की श्रेणी में शामिल हो गया है जो खानपान को सांस्कृतिक संवाद और सतत विकास का माध्यम बना रहे हैं. आने वाले समय में पर्यटन विभाग इस वैश्विक पहचान को और सशक्त करने के लिए कई पहल करेगा. 

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