दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को कहा कि नजफगढ़ झील में प्रतिदिन 11 करोड़ गैलन घरेलू और औद्योगिक कचरे के निर्वहन को रोकने की जरूरत है और इस मुद्दे को हल करने के लिए हरियाणा के साथ समन्वय की आवश्यकता है. एलजी ने अधिकारियों को झील को पुनर्जीवित करने के लिए रणनीति बनाने का भी निर्देश दिया है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने नजफगढ़ झील के पुनरुद्धार के तरीके तलाशने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. उपराज्यपाल ने नौ सूत्री भविष्य की कार्ययोजना को समयबद्ध तरीके से लागू करने पर जोर दिया.
बयान में कहा गया है, "बैठक के दौरान एलजी ने नजफगढ़ झील में घरेलू और औद्योगिक कचरे के लगभग 110 मिलियन गैलन प्रति दिन (एमजीडी) के निर्वहन को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया."
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बयान के अनुसार, नजफगढ़ झील में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत, जिसमें भारी मात्रा में घरेलू और औद्योगिक अपशिष्ट शामिल हैं, गुरुग्राम से आते हैं.
नजफगढ़ झील का पुनरुद्धार एलजी की देखरेख में किए जा रहे यमुना सफाई अभियान का हिस्सा है. वजीराबाद में पानी की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार के साथ नजफगढ़ नाले को साफ करने के प्रयासों के परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं. इसी तरह, कुदसिया घाट पर यमुना सफाई अभियान से भी पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है.
बयान में कहा गया है, "सक्सेना ने इस मुद्दे के समाधान के लिए दिल्ली और हरियाणा के बीच सहज अंतर-राज्य समन्वय का आह्वान किया. उन्होंने गुड़गांव प्रशासन से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि केवल उपचारित अपशिष्ट को ही झील में छोड़ा जाए.
गुरुग्राम के अधिकारियों ने एलजी को सूचित किया कि सीवेज उपचार का 100 प्रतिशत काम अगले साल जनवरी तक पूरा हो जाएगा.
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