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This Article is From Oct 03, 2017

लव जिहाद मामला : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 24 साल की लड़की को पिता नियंत्रण में नहीं रख सकता

केरल लव जिहाद केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान नया मोड़ आया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लड़की 24 साल की है ऐसे में उसे पिता द्वारा नियंत्रण में नहीं रखा जा सकता.

लव जिहाद मामला : सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 24 साल की लड़की को पिता नियंत्रण में नहीं रख सकता
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली: केरल के बहुचर्चित लव जिहाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान नया मोड़ आया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लड़की 24 साल की है ऐसे में उसे पिता द्वारा नियंत्रण में नहीं रखा जा सकता. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने केरल हाईकोर्ट के फैसले पर सवालिया लहजे में कहा कि क्या कोर्ट हेबियस कारपस की याचिका पर शादी को रद्द कर सकता है. इस मामले में केरल सरकार से जवाब मांगा गया है. शीर्ष अदालत में अब मामले की 9 अक्‍टूबर को सुनवाई होगी. दरअसल एक मुस्लिम युवक की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट यह सुनवाई कर रहा है. केरल हाईकोर्ट ने उसकी शादी को रद्द करते हुए उसे 'लव जिहाद' की संज्ञा दी थी, जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है.

यह भी पढ़ें : एक ऐसी याचिका जिस पर सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा- हम भगवान नहीं

केरल में एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कर निकाह हुआ. हाई कोर्ट ने शादी को अवैध करार दिया और इसे लव जिहाद की संज्ञा देते हुए लड़की को उसके घरवालों के पास भेज दिया था. हदिया (पूर्व नाम अखिहला अशोकन) के पति शफ़ीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कोर्ट के उस आदेश को वापस लेने की मांग की है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) से कराने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 16 अगस्त को इस मामले की जांच  NIA को सौंपी थी. याचिका में पति ने आरोप लगाया है कि लड़की के परिवार वाले उसकी पत्‍नी का उत्पीड़न कर रहे हैं.

वीडियो : केरल लव जिहाद मामले की जांच करेगी NIA
याचिका में कहा गया है कि लड़की अखिहला अशोकन वीडियो में कह रही है कि वह मुस्लिम की तरह रहना चाहती है. इसमें मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट लड़की के पिता को आदेश दे कि वो लड़की को कोर्ट में पेश करे. याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने NIA से कहा था कि वह केरल के लव जिहाद मामले की जांच करे. कोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस आरवी रवींद्रन एनआईए जांच की निगरानी करेंगे, लेकिन अब रिटायर जस्टिस आरवी रवींद्रन ने इससे इनकार कर दिया है. ऐसे में NIA जांच के आदेश को वापस लेना चाहिए. इससे पहले, कोर्ट ने एनआईए से मामले में युवक के कथित लिंक के बारे में दस्तावेज मांगे थे. NIA की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि उसके पास मामले की छानबीन के संदर्भ में कोई दस्तावेज नहीं है. NIA ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट चाहता है तो मामले की छानबीन के लिए वह तैयार है.

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