विपक्षी एकता के मिशन पर नीतीश: बंगाल में ममता बनर्जी तो UP में मिला अखिलेश यादव का साथ

नीतीश कुमार की विपक्षी एकता तब तक मजबूत नहीं हो सकेगी, जब तक उन्हें उत्तर प्रदेश के अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी का साथ नहीं मिल जाता है. क्योंकि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 और पश्चिम बंगाल में 42 सीटें हैं.

नई दिल्ली:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) के मद्देनजर बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने का जिम्मा उठाया है. इसके लिए नीतीश बारी बारी से विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं. सोमवार को उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मुलाकात की. इसके बाद नीतीश यूपी के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से भी मिले. ममता-अखिलेश ने सैद्धांतिक रूप से बीजेपी को रोकने की जरूरत और विपक्ष को एकजुट होने के बारे में सहमति व्यक्त की है.

इस बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा- "मैंने नीतीश कुमार से यही अनुरोध किया है कि जयप्रकाश जी का आंदोलन बिहार से हुआ था, तो हम भी बिहार में ऑल पार्टी मीटिंग करें. हमें एक संदेश देना है कि हम सभी एक साथ हैं." ममता बनर्जी ने कहा, "अगर विजन और मिशन साफ है तो हम साथ में लड़ेंगे, ये तय है. किस आधार पर होगा ये समय पर तय होगा. मैंने तो पहले ही कह दिया है कि मुझे इससे कोई एतराज नहीं है. बीजेपी बहुत बड़ी हीरो बन गई है, अब उसको जीरो बनाना है. हम साथ-साथ आगे बढ़ेंगे. हमारा कोई व्यक्तिगत अहंकार नहीं है, हम साथ मिलकर काम करना चाहते हैं." 

अखिलेश यादव ने क्या कहा?
वहीं, नीतीश कुमार के साथ मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत करते हुए अखिलेश यादव ने जोरदार ठहाका लगाया. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने बिहार के डिप्टी तेजस्वी यादव से कहा, "मैं भाजपा (सत्ता से) को बाहर करने और देश को बचाने के इस प्रयास में आपके साथ हूं."

'बिहार और उत्तर प्रदेश हमेशा साथ'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव के बगल में बैठे नीतीश कुमार ने कहा, "बिहार और उत्तर प्रदेश हमेशा साथ रहे हैं... हम समाजवादी हैं. हम एक इतिहास साझा करते हैं." अखिलेश यादव के दिवंगत पिता मुलायम सिंह यादव ने नीतीश कुमार और उनके सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल के संरक्षक लालू यादव के साथ मिलकर समाजवादी आंदोलन पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.

ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को लाएंगे साथ
नीतीश कुमार ने कहा, "आपको यह समझना चाहिए कि हम इतिहास को बदलने का प्रयास कर रहे हैं... हमने फैसला किया है कि हम अधिक से अधिक पार्टियों को एक साथ लाएंगे और देश के लिए काम करेंगे." कोलकाता के बाद लखनऊ नीतीश कुमार का दूसरा पड़ाव था.

नीतीश के लिए ममता-अखिलेश का साथ क्यों है जरूरी?
बता दें कि नीतीश कुमार की विपक्षी एकता तब तक मजबूत नहीं हो सकेगी, जब तक उन्हें उत्तर प्रदेश के अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी का साथ नहीं मिल जाता है. क्योंकि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 और पश्चिम बंगाल में 42 सीटें हैं. 

विपक्षी एकता पर क्या बोले थे राहुल गांधी 
इससे पहले नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने दिल्ली में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि यह विपक्षी एकता और वैचारिक लड़ाई के लिए एक ऐतिहासिक कदम था. राहुल ने इसके बाद खरगे और जेडीयू और आरजेडी नेताओं के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट भी की थी. 

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"विपक्षी दलों को एकसाथ बैठक रणनीति तैयार करने की जरूरत": नीतीश से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी