New Delhi:
संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने कहा है कि वह अब लोकपाल विधेयक पर काम नहीं करेगी, क्योंकि इसके लिए सरकार और समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली संयुक्त समिति का गठन हो चुका है। एनएसी ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि सरकार द्वारा समयाबद्ध तरीके से लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए मंत्रिसमूह और समाज के प्रतिनिधियों की संयुक्त समिति के गठन के मद्देनजर एनएसी का पारदर्शिता और जवाबदेही से जुड़ा कार्यसमूह दोहराव से बचने के लिए फिलहाल इस विषय पर काम नहीं करेगा। हालांकि परिषद ने कहा है कि वह शासन में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने के लिए विचार विमर्श करती रहेगी। इससे पहले गत 26 फरवरी को एनएसी की बैठक में केंद्र सरकार के प्रस्तावित लोकपाल विधेयक पर काम करने की सहमति बनी थी। एनएसी ने पहली बार इस बाबत फैसला किया था और तय हुआ था कि परिषद का पारदर्शिता और जवाबदेही से जुड़ा कार्यसमूह सरकार के महत्वाकांक्षी लोकपाल विधेयक पर भी काम करेगा। कार्यसमूह की संयोजक अरुणा रॉय हैं।सोनिया ने हजारे को याद दिलाया कि उनका आंदोलन शुरू होने से पहले तक एनएसी भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने का प्रभावी तंत्र बनाने की प्रक्रिया से गुजर रही थी। सोनिया ने कहा, इन घटनाक्रमों (हजारे के आंदोलन) से पहले तक एनएसी इस प्रक्रिया में सक्रिय थी। उन्होंने लोकपाल की संस्था के प्रति मजबूत समर्थन जताते हुए कहा कि वह बदनाम करने की राजनीति का समर्थन नहीं करती हैं और लोकपाल के संस्थान के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। इससे पहले गत 26 फरवरी को एनएसी की बैठक में केंद्र सरकार के प्रस्तावित लोकपाल विधेयक पर काम करने की सहमति बनी थी।