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लोकसभा चुनाव : मध्‍य प्रदेश में 311 उम्‍मीदवारों ने गंवाई और 58 ने बचाई जमानत

मध्‍य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान 84 फीसदी से अधिक उम्‍मीवारों की जमानत जब्‍त हो गई है. हालांकि भाजपा और कांग्रेस के किसी भी उम्‍मीदवार की जमानत जब्‍त नहीं हुई है.

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लोकसभा चुनाव : मध्‍य प्रदेश में 311 उम्‍मीदवारों ने गंवाई और 58 ने बचाई जमानत
भाजपा और कांग्रेस के किसी भी उम्‍मीदवार की जमानत जब्‍त नहीं हुई है. (प्रतीकात्‍मक)
भोपाल :

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सभी 29 सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की और कुल 369 उम्मीदवारों में से 311 की जमानत जब्त हो गई. एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि 84 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. हर उम्मीदवार के लिए जमानत राशि 12,500 रुपये से लेकर 25,000 रुपये निर्धारित थी. भाजपा मध्य प्रदेश में सभी 29 सीटों पर जीत के साथ ही 40 साल बाद ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी बन गई. 

मध्य प्रदेश की 26 सीटों पर भाजपा की जीत का अंतर एक लाख से पांच लाख मतों के बीच रहा, जबकि भिंड, ग्वालियर और मुरैना निर्वाचन क्षेत्रों में यह अंतर एक लाख से कम मतों का रहा. 

भाजपा को 59.3 प्रतिशत वोट मिले, जो 2019 के चुनाव परिणामों की तुलना में लगभग 1.3 प्रतिशत अधिक हैं. 

58 उम्‍मीदवार जमानत बचाने में रहे सफल 

मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने फोन पर ‘पीटीआई भाषा' को बताया कि भाजपा के सभी 29, कांग्रेस के 27 और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो उम्मीदवारों समेत 58 उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में सफल रहे. 

हालांकि इस बार कांग्रेस के मत प्रतिशत में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन इसके किसी भी उम्मीदवार की जमानत नहीं जब्त हुई. पार्टी का मत प्रतिशत 2019 के 34.5 प्रतिशत की तुलना में घटकर 32.4 प्रतिशत हो गया.

जमानत बचाने के लिए करना होता है यह 

आयोग एक अन्य अधिकारी के अनुसार एक उम्मीदवार को जमानत बचाने के लिए निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वैध मतों का छठा हिस्सा हासिल करना होता है. 

राज्य में सबसे अधिक अंतर से जीत इंदौर से भाजपा के मौजूदा सांसद शंकर लालवानी ने दर्ज की, जिन्होंने संभावित रूप से अब तक के सबसे बड़े अंतर 11,75,092 मतों से सीट जीती. 

कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने इंदौर सीट पर चुनाव नहीं लड़ा. इंदौर में अन्य सभी 13 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. बसपा उम्मीदवार लक्ष्मण सोलंकी ने 51,659 वोट हासिल किए और इंदौर में दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन उनकी भी जमानत जब्त हो गई. 

सामान्‍य वर्ग के उम्‍मीदवारों को देने होते हैं 25 हजार रुपये 

आयोग के अधिकारी ने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को जमानत के तौर पर 12,500 रुपये देने होते हैं, जबकि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 25,000 रुपये देने होते हैं.

उन्होंने कहा कि बसपा के दो उम्मीदवार - सतना से नारायण त्रिपाठी और मुरैना से रमेश गर्ग - अपनी जमानत बचाने में सफल रहे. त्रिपाठी को 1.85 लाख से अधिक वोट मिले, जबकि गर्ग को 1.79 लाख से अधिक वोट मिले. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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