लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election 2024) की तारीखों का ऐलान जल्द किया जाएगा. इससे पहले बीजेपी-कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां उम्मीदवार चुनने में लगी हैं. बीजेपी ने 195 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. लेकिन कांग्रेस (Congress) ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इस बीच राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बारे में अटकलें लग रही हैं कि वो पिछले बार की तरह इस बार भी केरल के वायानाड और यूपी की अमेठी (Amethi)सीट से चुनाव लड़ेंगे. इसे लेकर अमेठी से मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी (Smriti Irani) की प्रतिक्रिया आई है.
स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, "वो कहते हैं कि अमेठी कांग्रेस का गढ़ है. अगर ऐसा है तो वो यहां एक कैंडिडेट फाइनल करने में देरी क्यों कर रहे हैं? ये उनमें आत्मविश्वास में कमी को दिखाता है." उन्होंने कहा, "फिलहाल मुझे नहीं पता कि अमेठी से चुनाव कौन लड़ेगा, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के लोग यहां से उम्मीदवार घोषित करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. ऐसा लगता है कि उन्हें अमेठी की ताकत का अंदाजा लग चुका है और उन्हें पहले से ही हार का डर सता रहा है."
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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को UPA और नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल पर डिबेट करने की चुनौती दी थी. स्मृति ने सोमवार (4 मार्च) को महाराष्ट्र के नागपुर में नमो युवा महासम्मेलन में कहा- "कांग्रेस के UPA और मोदी शासन के 10 साल में क्या अंतर है, इस पर चर्चा होनी चाहिए."
2019 के इलेक्शन में अमेठी का हाल
2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों की बात करें, तो स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. स्मृति ईरानी को 4 लाख 68 हजार से ज्यादा वोट मिले थे. राहुल गांधी को 4 लाख 13 हजार वोट मिले. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इस सीट पर बीजेपी को कुल वोट का 49.71 प्रतिशत और राहुल गांधी को 43.84 प्रतिशत वोट मिला. तीसरे नंबर पर एक निर्दलीय प्रत्याशी रहा था.
कैसे गिरता गया राहुल का वोट प्रतिशत?
साल 2004 के लोकसभा चुनाव से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले राहुल गांधी को अमेठी की जनता ने सिर-आंखों पर बैठाया. पहली बार उन्हें करीब 67 प्रतिशत वोट मिले, जो कि साल 2009 में 72 प्रतिशत तक पहुंच गए. लेकिन 2014 और 2019 की मोदी लहर में राहुल गांधी का वोट प्रतिशत घटकर 47 तक पहुंच गया था. जबकि स्मृति ईरानी को करीब 34 प्रतिशत वोट मिले. इससे स्मृति के लिए जमीन तैयार हो गई. 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को चुनाव में हरा दिया.
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