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EXCLUSIVE : मैं मंदिर गया, तो उन लोगों ने वहां गंगाजल से सफाई करवाई- BJP पर बरसे अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा, "बीजेपी (BJP) हमारे देश के संविधान को बदल देना चाहती है. आज लड़ाई बड़ी है. जिस संविधान ने हमें जीना सिखाया, उसे बीजेपी बदलना चाहती है. इसलिए 400 पार का नारा दे रही है."

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EXCLUSIVE : मैं मंदिर गया, तो उन लोगों ने वहां गंगाजल से सफाई करवाई- BJP पर बरसे अखिलेश यादव
अखिलेश यादव कन्नौज सीट से 2000 का उपचुनाव, 2004 और 2009 का आम चुनाव जीत चुके हैं.
कन्नौज:

लखनऊ. लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के चौथे फेज के लिए सोमवार (13 मई) को 10 राज्यों की 96 सीटों पर वोटिंग (Third Phase Voting) हो रही है. इनमें उत्तर प्रदेश की कन्नौज सीट (Kannauj Seat) भी शामिल है. यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इस बार कन्नौज से चुनावी मैदान में हैं. वोटिंग से पहले अखिलेश यादव ने कन्नौज के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा गौरीशंकर मंदिर जाकर विशेष पूजा की. लेकिन इसके एक वीडियो को लेकर विवाद हो गया है. अखिलेश यादव के मुताबिक, उनके दर्शन के बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने मंदिर परिसर को गंगा जल से धुलवा दिया.

NDTV से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने कहा, "मैं सिद्धपीठ बाबा गौरीशंकर मंदिर गया. वहां दर्शन किए, लेकिन मेरे जाने के बाद बीजेपी के लोगों ने मंदिर को गंगाजल से धुलवा दिया." अब तक हुए तीन फेज की वोटिंग को लेकर उन्होंने कहा कि अगर वोटिंग प्रतिशत बढ़ रहा है, तो इसका इसका मतलब है कि बीजेपी जा रही है.

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इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा नेता आईपी सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पिछड़े वर्ग से हैं. इसलिए बीजेपी ने मंदिर परिसर को गंगाजल से धुलवाया. सपा नेता ने कहा कि बीजेपी यह मानती है कि पिछड़े, दलित वंचित शोषित लोगों को हिंदू मंदिरों में पूजा करने का कोई अधिकार नहीं है. इस बार यही PDA पिछड़े दलित वंचित शोषित मिलकर BJP को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएंगे.

देश के संविधान को बदल देना चाहती है बीजेपी
अखिलेश यादव ने कहा, "बीजेपी (BJP) हमारे देश के संविधान को बदल देना चाहती है. आज लड़ाई बड़ी है. जिस संविधान ने हमें जीना सिखाया, उसे बीजेपी बदलना चाहती है. इसलिए 400 पार का नारा दे रही है." केंद्र की योजनाओं को लेकर अखिलेश ने कहा, "किसी को नहीं पता था कि अग्निवीर योजना आएगी. नोटबंदी हो जाएगी. आगे देखिए और क्या होता है."

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कन्नौज को बनाएंगे वर्ल्ड क्लास
अपनी निर्वाचन क्षेत्र कन्नौज के बारे में अखिलेश यादव ने कहा, "मैं बहुत दिन बाद चुनाव लड़ रहा हूं. मैंने बसपा के साथ गठबंधन किया था, जिससे दलित समाज हमारे साथ आए. कन्नौज के लोग जानते हैं कि जब समाजवादी पार्टी सत्ता में थी, तो विकास कितना हुआ. आज क्यों विकास नहीं हो रहा है. मैंने कन्नौज को वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर दिया है. हाई क्लास हाईवेज बनवाए हैं. मुझे कन्नौज ने राजनीति की ABCD सिखाई है. चुनाव जीता तो कन्नौज को बाकी क्षेत्रों में भी वर्ल्ड क्लास बनाऊंगा."  उन्होंने कहा, "अगर INDIA गठबंधन केंद्र की सत्ता में आई, तो हम किसानों का कर्ज़ माफ करेंगे." 


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अखिलेश यादव कन्नौज सीट से 2000 का उपचुनाव, 2004 और 2009 का आम चुनाव जीत चुके हैं. 2014 के चुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज से चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं. 2019 के चुनाव में उन्हें बीजेपी के सुब्रत पाठक ने हरा दिया. अब अखिलेश फिर से इस सीट को जीतने की कोशिश में जुटे हैं. बीजेपी ने उनका मुकाबला करने के लिए मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक पर दांव लगाया है. जबकि बहुजन समाज पार्टी ने इमरान जफर को कैंडिडेट बनाया है.

कन्नौज सीट के सियासी समीकरण
यूपी की कन्नौज सीट हमेशा से समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती रही है. यहां से मुलायम सिंह यादव परिवार का ही कोई सदस्य चुनाव जीतता आया है. जिले की तीन विधानसभा सीट में कन्नौज सदर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां सबसे ज्यादा करीब 30 फीसदी वोटर इसी वर्ग से हैं. उसमें भी जाटव बिरादरी की संख्या सबसे ज्यादा है. इसके बाद मुस्लिम वोटर करीब 22 फीसदी हैं. इस सीट पर ब्राह्मण वोटर की संख्या भी 20 करीब 20 फीसदी है. कन्नौज में यादवों की संख्या 25 फीसदी है. क्षत्रिय, कुर्मी भी निर्णायक पोजिशन में हैं. सपा को अपने बेस वोट यादवों के साथ ही नॉन-यादवों के वोट मिलने का भरोसा है. दूसरी ओर, बीजेपी सभी जातियों के बीच अपनी पहुंच बनाने में जुटी है. जबकि बीएसपी ने दलित और मुस्लिम वोट को टारगेट किया है.

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