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This Article is From Mar 16, 2024

Lok Sabha Election 2024 : सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने पर विपक्ष ने उठाए सवाल, पूछा-यह डर है या ईवीएम?

Lok Sabha Election 2024 : 44 दिन की मतदान अवधि 1951-52 के पहले लोकसभा चुनाव के बाद दूसरी सबसे लंबी अवधि होगी. पहले लोकसभा चुनाव की मतदान अवधि चार महीनों की थी.

Lok Sabha Election 2024 : सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने पर विपक्ष ने उठाए सवाल, पूछा-यह डर है या ईवीएम?
Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष भी पूरी तैयारी में है. इसके लिए विपक्ष ने गठबंधन भी बनाया है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

Lok Sabha Election 2024 : चुनाव आयोग के लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha elections 2024) की घोषणा का विपक्षी दलों ने स्वागत किया है. हालांकि, सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने के ऐलान को कई दलों ने भाजपा (BJP) को फायदा पहुंचाने वाला बताया है. कांग्रेस (Congress) ने कहा है कि आगामी चुनाव लोकतंत्र को बचाने का आखिरी मौका होगा.

ममता बनर्जी की पार्टी ने ये कहा...
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कहा है कि चुनाव आयोग ने एक या दो चरणों में चुनाव कराने के पश्चिम बंगाल सरकार के सुझाव पर ध्यान नहीं दिया. राज्य में सात चरण के मतदान से एक बार फिर ''भारी जेब वाली पार्टियों'' को मदद मिलेगी. 44 दिन की मतदान अवधि 1951-52 के पहले लोकसभा चुनाव के बाद दूसरी सबसे लंबी अवधि होगी. पहले लोकसभा चुनाव की मतदान अवधि चार महीनों की थी.

खरगे ने न्याय की बात की
शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 2024 का चुनाव भारत के लिए न्याय का द्वार खोलेगा. उन्होंने पोस्ट किया, "2024 का लोकसभा चुनाव भारत के लिए 'न्याय' का द्वार खोलेगा. यह शायद लोकतंत्र और हमारे संविधान को तानाशाही से बचाने का आखिरी मौका होगा. 'हम भारत के लोग' नफरत, लूट, बेरोजगारी, महंगाई और अत्याचार के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे." 

"मोदीजी हर जगह दौरा करना चाहते हैं"
पीटीआई के अनुसार, बाद में पत्रकारों से बात करते हुए खरगे ने कहा कि सात चरण के चुनाव का मतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर जगह दौरा करना चाहते हैं. इसे तीन या चार चरणों में पूरा किया जा सकता था. हमें इस बात की चिंता नहीं है कि क्या होने वाला है, लेकिन मोदीजी सात चरण रख रहे हैं, इसका मतलब है कि वह हर जगह दौरा करना चाहते हैं. इस देश में, मैंने भी लगभग 12 चुनाव लड़े हैं और मुश्किल से चार चरण होते थे. कभी-कभी तो एक चरण में भी होता था. 

देश कैसे प्रगति करेगा?
कांग्रेस प्रमुख
ने कहा, “चुनाव के कारण लगभग 70-80 दिन रुककर देश कैसे प्रगति करेगा? सामग्री की आपूर्ति नहीं की जाएगी. बजट खर्च नहीं किया जाएगा. इसलिए, मेरे अनुसार, यह अच्छा नहीं है. चुनाव तीन या चार चरणों में पूरा कर सकते थे." एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि ये "मील का पत्थर" चुनाव है. यह चुनाव चुनावी बॉन्ड घोटाले, विपक्षी दलों और राजनेताओं को जेल भेजने, छापे और मुख्य राष्ट्रीय विपक्षी दल के फंड को रोकने के तहत हो रहा है. 

द्रमुक (DMK) के प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि हमें अनुमान था कि तमिलनाडु में पहले चरण में मतदान होगा. हालांकि, 4 जून तक इंतजार करना एक ऐसा सवाल है, जिसके लिए पार्टी को तैयार रहना होगा.

आम आदमी पार्टी के संयोजक प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने लोगों से उनकी पार्टी को वोट देने की अपील की. उन्होंने कहा, "देश में लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित हो चुकी हैं. यह लोकतंत्र का महान त्योहार है. मैं सभी देशवासियों से अपील करता हूं कि इस बार तानाशाही और गुंडागर्दी के खिलाफ वोट करें. आप लोगों के वास्तविक मुद्दों के लिए काम करती है और उन्हें सुविधाएं प्रदान करती है. जहां भी हमारे उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, वहां 'झाड़ू' (आप का चुनाव चिह्न)' पर वोट करके हमारे हाथों को मजबूत करें, ताकि हम अधिक ऊर्जा के साथ आपके लिए काम कर सकें."

शरद पवार की पार्टी यह बोली
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि महा विकास अघाड़ी चुनाव के लिए तैयार है. राउत ने कहा, ''हम केवल इतना चाहते हैं कि चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करे... एमवीए (MVA) कल मुंबई में रैली के बाद अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगा.'' हालांकि, राकांपा (NCP)के शरद पवार गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने एक्स पर पोस्ट कर सवाल उठाया कि महाराष्ट्र में पांच चरणों में चुनाव क्यों हो रहे हैं? बीजेपी क्या करने की कोशिश कर रही है? यह डर है या ईवीएम?

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